कोरोना जांच घोटाला मामले में दो स्वास्थ्य प्रबंधक सहित पांच बर्खास्त

जमुई। जनवरी में उजागर कोरोना जांच घोटाला में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। दो बीएचएम दो लैब टेक्नीशियन एक डाटा आपरेटर फार्मासिस्ट एएनएम आरबीएसके के दो चिकित्सक पर कार्रवाई की गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 07:03 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 07:03 PM (IST)
कोरोना जांच घोटाला मामले में दो स्वास्थ्य प्रबंधक सहित पांच बर्खास्त
कोरोना जांच घोटाला मामले में दो स्वास्थ्य प्रबंधक सहित पांच बर्खास्त

जमुई। जनवरी में उजागर कोरोना जांच घोटाला में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। दो बीएचएम, दो लैब टेक्नीशियन, एक डाटा आपरेटर, फार्मासिस्ट, एएनएम, आरबीएसके के दो चिकित्सक पर कार्रवाई की गई। जिसमें बरहट व सिकंदरा प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक सहित पांच स्वास्थ्य कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है जबकि अन्य पांच कर्मियों पर अर्थ दंड लगाया गया है।

सिविल सर्जन ने जिलाधिकारी के अनुमोदन प्राप्त करने के बाद उक्त कार्रवाई की है। कार्रवाई के दायरे में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों में बरहट प्रखंड के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक संजीत कुमार, डाटा आपरेटर विनोद कुमार मंडल, लैब टेक्नीशियन संजय कुमार एवं सिकंदरा प्रखंड के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक पंकज कुमार, लैब टेक्नीशियन अरूण कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। ये लोग जांच में दोषी पाए गए थे। इसके अलावा पांच कर्मियों के वेतन में निर्धारित महीने तक कटौती की गई है। इनमें आरबीएसके के चिकित्सक डा. अनवर हुसैन का दो महीने तक के वेतन में 50 फीसद, डा. विश्वजीत प्रियदर्शी का दो महीने तक के वेतन में 20 फीसद, फार्मासिस्ट उमेश कुमार का चार महीने तक वेतन में 50 फीसद, गोल्डन कुमारी तथा मूनचून कुमारी का दो माह तक वेतन में 50 फीसद कटौती का आदेश दिया गया है। इन लोगों पर काम में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। बताया जाता है कि कोरोना जांच घोटाला मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 21 स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका की जांच की गई थी। बता दें कि जनवरी में बरहट और सिकंदरा प्रखंड में बड़े पैमाने पर कोरोना जांच में घोटाला उजागर हुआ था। जांच में फर्जीवाड़ा करते हुए बिना जांच किए ही डाटा अपडेट किया गया था। जिन लोगों ने जांच नहीं कराया था उनके मोबाइल पर भी जांच की सूचना आ रही थी। मामला प्रकाश में आने के बाद मुख्यालय स्तर से फरवरी माह में सिविल सर्जन डा. विज्येंद्र सत्यार्थी, डीआइओ डा. विमल कुमार चौधरी, बरहट चिकित्सा पदाधिकारी डा एनके मंडल तथा सिकंदरा चिकित्सा पदाधिकारी डा साजिद हुसैन को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद स्थानीय स्तर पर जांच की जा रही थी।

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कोट

पांच कर्मियों को सेवा से बर्खास्त व पांच पर अर्थ दंड की कार्रवाई की गई है। कोरोना जांच मामले की जांच में ये लोग दोषी पाए गए।

सुधांशु नारायण लाल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला स्वास्थ्य समिति, जमुई

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