खरीफ के बाद रबी पर मंडरा रहा संकट का बादल

जमुई। पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण जिले में खरीफ के बाद अब रबी की बुआई पर भी खतरा मंडरा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 31 Oct 2018 06:51 PM (IST) Updated:Wed, 31 Oct 2018 06:51 PM (IST)
खरीफ के बाद रबी पर मंडरा रहा संकट का बादल
खरीफ के बाद रबी पर मंडरा रहा संकट का बादल

जमुई। पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण जिले में खरीफ के बाद अब रबी की बुआई पर भी खतरा मंडरा रहा है। इस संबंध में कृषि विभाग ने भी आशंका व्यक्त करते हुए मुख्यालय को रिपोर्ट कर दी है। दरअसल बारिश कम होने कारण जिले के ताल तलैया सूखे हैं तो डैमों में भी पर्याप्त पानी संग्रहित नहीं हो सका है। डैमों में इतना भी जल संग्रह नहीं है कि कमांड एरिया में रबी की ¨सचाई हो सके। लिहाजा खरीफ का नुकसान रबी से भरपाई की उम्मीद टूटने से किसान ¨चतित हैं। जिले के सोनो प्रखंड में परमनिया डैम, बेला डैम व धवटिया डैम में संग्रहित पानी फाटक के लेवल से भी नीचे है। कुछ ऐसी स्थिति बरहट के कुरकुरझप, सिकन्दरा में अमृति व सिरखंडी, अलीगंज में कैलाश, खैरा में गरही डैम की है। झाझा में भी नागी-नकटी डैम में संग्रहित पानी में पटवन कराने की क्षमता नहीं है। इस स्थिति को लेकर कृषि विभाग ने भी रबी की बुआई पर प्रतिकूल असर की संभावना होने की बात रिपोर्ट की है। कृषि विभाग के अनुसार जमुई प्रखंड छोड़कर सभी प्रखंडों के खेतों में दरार है। नतीजतन नमी और पानी की कमी के कारण रबी बुआई पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है। इस भयावह स्थिति से सहमे किसान मुकेश ¨सह, नरेश यादव, सुरेश यादव, अमरजीत कुमार, दीपक कुमार ने बताया कि आसमानी बारिश कम हुई है जिससे खेतों में नमी नहीं है। इस वर्ष गेहूं की बुआई पर भी खतरा मंडरा रहा है। नहीं पता कैसे घर का चूल्हा जलेगा और कैसे पशुओं को चारा दे पाएंगे। इस वर्ष हमलोगों की सारी योजनाएं स्थगित हो गई। न घर में शहनाई बज सकेगी और न ही अन्य काम हो सकेंगे।

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