मानव श्रृंखला में दिव्यांग एवं बच्चे रहे आकर्षण के केंद्र

जहानाबाद। जल-जीवन-हरियाली बाल-विवाह नशाबंदी एवं दहेज उन्मूलन को लेकर आम से लेकर खास तक जहां हाथ जोड़कर पूरे विश्व को संदेश दे रहे थे वहीं दिव्यांगजन भी इस श्रृंखला में अपनी सहभागिता बढ़ चढ़कर निभा रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Jan 2020 11:53 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jan 2020 06:18 AM (IST)
मानव श्रृंखला में दिव्यांग एवं बच्चे रहे आकर्षण के केंद्र
मानव श्रृंखला में दिव्यांग एवं बच्चे रहे आकर्षण के केंद्र

जहानाबाद। जल-जीवन-हरियाली, बाल-विवाह, नशाबंदी एवं दहेज उन्मूलन को लेकर आम से लेकर खास तक जहां हाथ जोड़कर पूरे विश्व को संदेश दे रहे थे वहीं दिव्यांगजन भी इस श्रृंखला में अपनी सहभागिता बढ़ चढ़कर निभा रहे थे। भले ही प्रकृति ने अपने पैर पर खड़े रहने के काबिल उन्हें नहीं बनाया था लेकिन जब बात थी पर्यावरण एवं सामाजिक कुरीतियों के खात्मे की तो वे लोग दिव्यांगता धत्ता बता किसी स्वस्थ युवक से कम उत्साहित नजर नहीं आ रहे थे। एक दूसरे का हाथ थामकर मखदुमपुर थाना क्षेत्र के सुप्पी निवासी निरज कुमार गर्मजोशी के साथ श्रृंखला का अंग बनकर लोगों को यह संदेश दे रहे थे कि जब हम दिव्यांगता के बावजूद इस अभियान का अंग बने हैं तो शारीरिक रूप से स्वस्थ होने वाले क्यों नहीं इसका सहभागी बन सकते। यह तो महज एक बानगी हैं। ऐसे कई दिव्यांग थे जो मानव श्रृंखला में शामिल होकर सामाजिक कुरीतियों के खात्मे का आह्वान कर रहे थे। दिव्यांगजनों के इस उत्साह को देखकर श्रृंखला में शामिल होने से कतराने वाले लोग भी प्रेरित होकर इसका अंग बन रहे थे। जिस तरह से जिले में समाज के अन्य वर्ग एक दूसरे का हाथ पकड़कर इस एतिहासिक क्षण का गवाह बने। उससे यह एहसास हो गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह अभियान आम आवाम के बीच अपनी गहरी पैठ बना चुकी है। समाज को यह सुखद संदेश मिल रहा था कि अब पर्यावरण संरक्षण,दहेज उन्मूलन तथा नशामुक्ति को लेकर हर तबका सजग है। श्रंखला की शोभा बढ़ा रहे नन्हें-मुन्हें बच्चे उस सुखद भविष्य की ओर लोगों का ध्यान ले जा रहे थे कि आने वाली पीढि़यां इन सामाजिक कुरीतियों के मिटाने के लिए संकल्पित है। कई बच्चे अपने शरीर को पौधे से आकार देकर लोगों के बीच इस संदेश का संचार कर रहे थे कि हरियाली के बिना जीवन की कल्पना करना संभव नहीं है। छोटे-छोटे बच्चे भी अब जल जीवन हरियाली का महत्व समझने लगे हैं। ये बच्चे आने वाले नस्ल हैं। जिस तरह अभी से ही इनके अंदर इसका बोध हो गया है। इससे यह कहा जा सकता है कि भले ही आज यह सरकार की मुहिम थी लेकिन जल्द ही यह जनजन की मुहिम बन जाएगी। बच्चों के इस स्वरूप को देखकर जिलाधिकारी नवीन कुमार, एसपी मनीष, उपविकास आयुक्त मुकुल कुमार गुप्ता बरबस वहां रुकने को मजबूर हो गए। दोनों अधिकारियों ने उनलोगों की हौसला अफजाई करने के लिए टॉफी बांटना शुरू कर दिया। बच्चे जिलाधिकारी के हाथों से टॉफी पाकर गदगद हो गए।

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