जलवायु अनुकूल खेती को लेकर किसानों को किया गया प्रशिक्षित

गोपालगंज प्रखंड के सांखे खास हनुमान मंदिर के प्रांगण में कृषि विभाग की ओर से रविवार को

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 11:20 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 11:20 PM (IST)
जलवायु अनुकूल खेती को लेकर किसानों को किया गया प्रशिक्षित
जलवायु अनुकूल खेती को लेकर किसानों को किया गया प्रशिक्षित

गोपालगंज : प्रखंड के सांखे खास हनुमान मंदिर के प्रांगण में कृषि विभाग की ओर से रविवार को जलवायु अनुकूल खेती को लेकर किसानों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर किसानों को जलवायु के अनुकूल खेती करने के तौर-तरीकों के साथ इससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रखंड कृषि समन्वयक ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि यदि किसान जलवायु के अनुकूल खेती करें तो प्रकृति के द्वारा भी किसानों को कृषि में मदद किया जाता है। जलवायु के अनुकूल खेती करने से जहां एक तरफ किसानों को खेती में कम लागत आएगी वहीं दूसरी तरफ पैदावार भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि किसान धान की खेती करना चाहते हैं तो अधिक पानी लगने वाले जगहों पर ज्यादा दिनों में तैयार होने वाले धान के बीज का प्रयोग करने से किसानों को अच्छी पैदावार प्राप्त होती है। वही ऊंचे स्थानों पर खेती करने के लिए कम पानी में होने वाले फसलों का चयन करने से ही किसानों को लाभ मिल सकेगा। इस दौरान एटीएम अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि कृषि विभाग के द्वारा किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए खेती के साथ-साथ अन्य कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। जिनका उपयोग कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। छोटे किसानों को भी कृषि विभाग की योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके इसलिए आत्मा के द्वारा किसानों के समूहों का गठन किया जा रहा है। समूह का गठन करने के पश्चात आत्मा के द्वारा किसानों के समूहों को मधुमक्खी पालन, पशुपालन मशरूम, उत्पादन आदि करने के लिए प्रेरित किया जाता है। प्रखंड बागवानी मिशन पदाधिकारी अवधेश शर्मा ने प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के अंतर्गत चल रहे टपक एवं सूक्ष्म सिचाई योजना के बारे में प्रकाश डाला गया। मौके पर पैक्स अध्यक्ष रंजीत यादव, पूर्व मुखिया राजेंद्र यादव, राजू प्रसाद, किसान सलाहकार योगेंद्र प्रसाद, अरविद राम, किशोर राम, शिवजी साह, जितेंद्र यादव, योगेंद्र भगत, अशोक यादव सहित काफी संख्या में किसान मौके पर उपस्थित थे।

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