हटाए गए रोहतास सदर अस्पताल के नेत्र चिकित्सक, नर्स से बदसलूकी मामले में डीएम ने की कार्रवाई
रोहतास जिले के सासाराम सदर अस्पताल में कार्यरत जीएनएम से बदसलूकी मामले में नेत्र चिकित्सक को डीएम ने हटा दिया है। सिविल सर्जन की जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने यह कार्रवाई की है। घटना करीब दस दिन पुरानी है।
सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। सदर अस्पताल (Sadar Hospital) के आइसोलेशन वार्ड में डूयुटी में तैनात एक जीएनएम अर्चना कुमारी के साथ बदसलूकी मामले में डॉक्टर पर डीएम ने कार्रवाई की है। डीएम धर्मेंद्र कुमार ने इस मामले में जांच के बाद संविदा पर कार्यरत नेत्र चिकित्सक डॉ .मनोज कुमार सिंह (Opthalmologist Dr Manoj Kumar Singh) को सेवा मुक्त कर दिया है। इस मामले में सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डाक्टर श्रीभगवान सिंह ने भी डीएम को दी गई अपनी रिपोर्ट में डॉक्टर को दोषी ठहराया था।
दस दिन पूर्व जीएनएन ने की थी घटना की शिकायत
दस दिन पूर्व हुई इस घटना में पीड़ित जीएनएम ने शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने भी दोषी डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए मोर्चा खोल दिया धा। कर्मचारी संघ ने दोषी चिकित्सक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की पुरजोर मांग सीएस की थी। सीएस की रिपोर्ट के बाद यह फाइल जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष की हैसियत से डीएम के पास भेजी गई थी। जानकारी के अनुसार विगत 16 मई को चिकित्सक के खिलाफ दुर्व्यवहार का आरोप लगा था। ड्यूटी के दौरान जीएनएम के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में डीएम ने इसे गंभीरता से लिया था। इस मामले में डीएम ने सीएस डॉ सुधीर कुमार से रिपोर्ट मांगी थी ।
संविदा लिपिक पर भी गिरी गाज
RTI के तहत सूचना नहीं देने वाले सदर अंचल सासाराम में संविदा पर बहाल लिपिक विद्यासागर चौधरी को डीएम ने सेवामुक्त कर दिया है। यह कार्रवाई एसडीएम द्वारा गठित आरोप पत्र के आलोक में की गई है।जानकारी के मुताबिक सासाराम में अंचल में सेवानिवृत्त कर्मी विद्यासागर चौधरी की बहाली संविदा पर हुई थी। इस दौरान वे सासाराम अंचल में एक जुलाई 2017 से 10 अप्रैल 2019 तक लिपिक के रूप में कार्यरत थे। शिवसागर प्रखंड के लुटरू निवासी रामप्रवेश पांडेय द्वारा भू-बंदोबस्ती वाद संख्या 01/2001-2002 से संबंधित अभिलेख की जानकारी आरटीआइ के माध्यम से मांगी थी जिसे समय पर लिपिक द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया।