130 में से अब तक 40 को ही पड़ा कोरोना के टीका का दूसरा डोज, मोबाइल पर मैसेज नहीं आने से कई रहे वंचित

कैमूर में कोरोना टीका का दूसरा डोज दिया जा रहा है। अब तक आधे लोगों को भी दूसरा डोज नहीं दिया जा सका है। इधर आम जन इस महामारी के प्रति बेपरवाह हो गए हैं। कहीं भी एहतियातों का पालन नहीं किया जा रहा।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 10:19 AM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 10:19 AM (IST)
130 में से अब तक 40 को ही पड़ा कोरोना के टीका का दूसरा डोज, मोबाइल पर मैसेज नहीं आने से कई रहे वंचित
कोरोना का टीका लगवाते स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी। जागरण

संवाद सूत्र, भगवानपुर (कैमूर)। कोविड 19 के टीका का पहला डोज 16 जनवरी को बाबू शिव गोविंद प्रसाद मेमोरियल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 130 लोगों को लगा था। स्वास्थ्य विभाग व आइसीडीएस के कर्मियों का टीकाकरण किया गया था। उनलोगों को टीका का दूसरा डोज 16 फरवरी को लगना था। लेकिन तब तिथि टल गई। उसके बाद अगली तिथि 18 फरवरी पड़ी। लेकिन महज 40 लोगों को ही टीका लग सका।

जिन्‍हें मिला मैसेज, उन्‍हें ही लगी दूसरी खुराक  

बताया जाता है कि दूसरे डोज का टीका उन्हीं को लगा है जिनके मोबाइल पर टीका लगवाने के लिए मैसेज मिला है। ऐसे लोग जिन्हें मैसेज नहीं आया वे बाबू शिव गोविंद प्रसाद मेमोरियल सामुदायिक स्वास्थ्‍य केंद्र पहुंचे लेकिन उन्‍हें निराश लौटना पड़ा।  मालूम हो कि कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड-19 का टीका चरणबद्ध तरीके से लगाया जा रहा है। टीका मुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 16 जनवरी को इसकी शुरुआत हुई थी। उस समय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ तेग बहादुर सिंह को पहला टीका लगा था। दूसरे डोज में भी उन्होंने जाकर समयानुसार टीका लगवाया। गुरुवार की शाम तक मिली रिपोर्ट के अनुसार 40 लोगों को टीका लगाया गया। यानी 90 लोग टीका लगवाने से अभी वंचित हैं। हालांकि अभी जिले में कोरोना टीकाकरण का कार्य चल रहा है। जिसमें सभी चिह्नित लोगों को टीका लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

अब कोरोना के प्रति नहीं दिखती गंभीरता

कोरोना की रफ्तार घटने और इसका टीका आने के बाद अब इस महामारी के प्रति लोग लापरवाह हो गए हैं। न बाजार में लोग एहतियात बरत रहे हैं और न कार्यस्‍थल पर। अधिकांश जगहों पर लोग बिना मास्‍क के दिख रहे हैं। यूं कहं कि किसी भी स्थान पर कोरोना से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का अनुपालन नहीं हो रहा। प्रशासन भी इसको लेकर अब सख्ती नहीं बरत रहा। बार-बार यह समझाने के बावजूद कि लापरवाही भारी पड़ सकती है लोग बेपरवाह हो गए हैं।

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