सीएम नीतीश कुमार पर टिकी कैमूर की किरण को इंसाफ दिलाने की आस, पांच साल से ठोकर खा रहे पिता
कहते हैं देर से न्याय मिलना न्याय नहीं मिलने के बराबर है। कुछ ऐसा ही हो रहा कैमूर की किरण के साथ। किरण की मौत हुए पांच साल बीत गए लेकिन अब तक उसे इंसाफ नहीं मिल सका है।
संवाद सूत्र, भगवानपुर (भभुआ)। कहते हैं, देर से न्याय मिलना, न्याय नहीं मिलने के बराबर है। कुछ ऐसा ही हो रहा कैमूर की किरण के साथ। किरण की मौत हुए पांच साल बीत गए, लेकिन अब तक उसे इंसाफ नहीं मिल सका है। बेटी की मौत कैसे हुई, आखिर क्यों उसके शव को स्कूल प्रबंधन ने आनन-फानन में जला दिया, ऐसे कई सवालों के जवाब तलाशने के लिए मृत किरण के पिता कामेश्वर बारी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही। अब उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में गुहार लगाने का निर्णय लिया है। सीएम पर ही आखिरी आस टिकी है। कामेश्वर को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में फरियाद लगाने पर उनकी बेटी को न्याय मिल सकेगा।
किरण की जगह पहुंची मौत की खबर
बात 2016 की है। भगवानपुर गांव निवासी कामेश्वर बारी की बेटी किरण कुमारी प्रखंड मुख्यालय के उच्च विद्यालय में नौवीं कक्षा की छात्रा थी। मुख्यमंत्री परिभ्रमण कार्यक्रम के तहत स्कूल प्रबंधन 45 छात्राओं को शहर घुमाने के लिए बस से लेकर गया था। किरण भी उसमें शामिल थीं। बाकी 44 छात्राएं घर लौट गईं, लेकिन किरण का कुछ पता नहीं चला। जब उसके पिता स्कूल पहुंचे तो मालूम हुआ कि किरण की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई। हेडमास्टर उसके शव को जलाने के लिए नदी किनारे गए हैं।
पिता ने जलते देखा शव
कामेश्वर बारी हित-मित्रों के साथ नदी की ओर पहुंचे तो देखा कि उनकी बेटी का शव जल रहा है। चिता के पास स्कूल के हेडमास्टर खड़े हैं। कामेश्वर ने उनसे पूछा कि किरण की मौत कैसे हो गई और उन्होंने इसकी जानकारी घरवालों को क्यों नहीं दी तो हेडमास्टर गोल-मटोल जवाब देकर चलते बने। मुखिया के पूछने पर भड़के हेडमास्टर ने कहा कि मौत की सूचना नहीं दी जाती। मरने वाले का शव जलाया जाता है। वही करने आया था।
प्रखंड से मुख्यालय तक किसी ने नहीं ली सुधि
इस घटना के बाद बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए कामेश्वर ने प्रखंड से लेकर मुख्यालय तक के अफसरों से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने सुधि नहीं ली। अब तक नहीं पता चल पाया कि किरण की मौत कैसे हुई थी। अब कामेश्वर बारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में गुहार लगाने का मन बनाया है। हालांकि, अब तक उन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं किया है।