पुनर्निर्माण केबाद भी टिकारी का छात्रावास बंद

गया। टिकारी अनुमंडल का अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति छात्रावास वषरें से बंद पड़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 02:01 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 06:16 AM (IST)
पुनर्निर्माण केबाद भी टिकारी का छात्रावास बंद
पुनर्निर्माण केबाद भी टिकारी का छात्रावास बंद

गया। टिकारी अनुमंडल का अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति छात्रावास वषरें से बंद पड़ा है। मामला लोक शिकायत में जाने के बाद इसी वर्ष जुलाई माह में एसडीओ ने अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी की जाच रिपोर्ट के साथ जिला कल्याण पदाधिकारी को पत्र लिखकर छात्रावास को चालू करने का आग्रह किया था। लेकिन पत्राचार के चार माह बाद भी छात्रावास को पुन: चालू करने की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ा है। इस कारण छात्रों को छात्रावास की सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है।

छात्रावास में दो बड़ा और 15 छोटा कमरा और एक किचेन है। जबकि परिसर में 10 शौचालय बना हुआ है। इसमें पानी टंकी तो बना है लेकिन मोटरविहीन है। चापाकल रखरखाव के अभाव में बिगड़ा पड़ा है। यहां बिजली की वॉयरिंग तो की गई है। लेकिन छात्रावास के नाम से बिजली का कनेक्शन नहीं है। फर्नीचर की व्यवस्था बिल्कुल नहीं है।

वर्ष 2018 में भवन निर्माण विभाग से लगभग 38 लाख की लागत से छात्रावास का जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण का कार्य कराया गया था। लेकिन इसकी देख रेख नहीं होने के कारण कूड़े-कचड़े, घास फूस व झाड़ी से पूरा परिसर भरा पड़ा है। हद तो यह है कि छात्रावास के किचेन, शौचालय आदि के दीवारों पर उपला लगाकर इसे बदसूरत बना दिया गया है।

जिला कल्याण पदाधिकारी की लापरवाही से यह छात्र अनुपयोगी बना है। अनुसूचित व अनुसूचित जन जाति के छात्र छात्राओं को इस छात्रावास का लाभ नही मिल रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश विद्यार्थी ने उक्त छात्रावास के बंद रहने से छात्रों की हो रही परेशानी को देखते हुए अनुमंडल लोक शिकायत निवारण केंद्र में अपील वाद दायर कर इसे चालू कराने की माग की थी।

एसडीओ मनोज कुमार ने बताया कि छात्रावास को चालू कराने की दिशा में करवाई हेतु पूर्व में जिला कल्याण पदाधिकारी को पत्र भेजा गया है। पुन: पत्र भेजते हुए शीघ्र छात्रावास को चालू कराने का आग्रह किया गया है। ताकि इसका लाभ छात्रों को मिल सके।

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