Road Accident: औरंगाबाद में तेज रफ्तार मार्शल ने दो लोगों को कुचला, एक की मौत, दूसरा गंभीर रूप से जख्मी

बैदराबाद-अरवल मार्ग पर सोमवार रात आठ बजे तेज रफ्तार गाड़ी की चपेट में अाने से एक अधेड़ की मौत हो गई। दूसरा गंभीर रूप से जख्‍मी हो गया। घटना के विरोध में स्‍थानीय लोगों व स्‍वजनों ने करीब चार घंटे तक सड़क जाम रखा।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 07:23 AM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 07:23 AM (IST)
Road Accident: औरंगाबाद में तेज रफ्तार मार्शल ने दो लोगों को कुचला, एक की मौत, दूसरा गंभीर रूप से जख्मी
चार घंटे तक हंगामा करते रहे ग्रामीण व स्‍वजन। जागरण

जेएनएन, औरंगाबाद। देवकुंड थाना क्षेत्र के महाराजगंज गांव के समीप सोमवार रात तेज रफ्तार मार्शल ने दो लोगों को कुचल दिया। उनमें से एक की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका इलाज चल रहा है। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने बैदराबाद- अरवल सड़क को जाम कर दिया। वे मुआवजा की मांग करने लगे। सूचना पर पुलिस पहुंची। लेकिन लोगों का गुस्‍सा कम नहीं हो रहा था। करीब चार घंटे तक लोगों ने आवागमन बाधित रखा। मृतक की पहचान महाराजगंज निवासी रामा महतो (52) के रूप में की गई। लाल बाबू महतो (50) का इलाज चल रहा है।

चार घंटे तक बैदराबाद- अरवल मार्ग पर बाधित रहा आवागमन

बताया जाता है कि सोमवार की रात लगभग साढ़े आठ बजे रामा महतो एवं लाल बाबू महतो (50) बधार में शौच करने गए थे। वहां से  लौट रहे थे। जैसे ही दोनों लोग बनतारा बाइपास के पास आंगनबाड़ी केंद्र के समीप पहुंचे कि उपहारा की तरफ से आ रही तेज रफ्तार रही मार्शल ने दोनों को कुचल दिया। रामा महतो की मौत मौके पर ही हो गई। लालबाबू महतो गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं। आनन फानन में उन्‍हें अस्‍पताल ले जाया गया। वहां लालबाबू का इलाज चल रहा है। इधर घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क पर शव रख दिया। वे नारेबाजी करने लगे। मुआवजा दिए जाने की मांग पर अड़ गए। सूचना पर पहुंचे मुखिया अख्तियार खां व देवकुंड पुलिस लोगों को समझाने बुझाने में जुटी काफी देर तक जुटी रही। लेकिन ग्रामीण मांग कर रहे थे कि वहां अधिकारी को बुलाएं और मुआवजे का भुगतान हो। किसी तरह समझा-बुझाकर पुलिस ने रात 12 बजे उन्‍हें सड़क से हटवाया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज दिया। इस घटना के बाद से रामा महतो के परिवार में स्‍वजनों का विलाप हर किसी की आंखें नम कर गया। स्‍वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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