प्रतिबंध के बाद भी फल्गु में जलता शव

गया। अगर आप किसी परिजन की अंत्येष्टि में विष्णुपद के पवित्र श्मशान घाट पर जाते हैं तो वहां प

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Mar 2017 03:08 AM (IST) Updated:Fri, 24 Mar 2017 03:08 AM (IST)
प्रतिबंध के बाद भी फल्गु में जलता शव
प्रतिबंध के बाद भी फल्गु में जलता शव

गया। अगर आप किसी परिजन की अंत्येष्टि में विष्णुपद के पवित्र श्मशान घाट पर जाते हैं तो वहां पर नगर निगम के आयुक्त का एक आदेश लगा बोर्ड देखने को मिलता है। इसमें यह साफ लिखा गया है कि वायु प्रदूषण से बचाव को लेकर फल्गु नदी में शव का जलाना वर्जित है। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम का यह आदेश पूर्व आयुक्त निलेश देवरे द्वारा दिया गया था और वहां पर के लोगों को यह बता भी दिया गया था कि फल्गु नदी में किसी तरह का शवदाह करना मना है, लेकिन यह बोर्ड सिर्फ देखने के लिए रह गया है। बोर्ड के आदेश को नहीं माना जाता है।

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आदेश क्यों निकला?

वैसे तो गया का श्मशान काफी पवित्र और काशी के दूसरे नंबर का माना जाता है। प्रतिदिन दर्जनों शव की अंत्येष्टि यहां की जाती है। स्थान भी पर्याप्त है, लेकिन शव के साथ आए परिजन साफ-सुथरी फल्गु को शवदाह का स्थान मानकर सीधे नदी में ही शव जलाते हैं। बिहार प्रदूषण बोर्ड ने फल्गु के गंदला होने के पीछे शव को जलना भी माना था और इस पर प्रतिबंध लगाने की रिपोर्ट भी दी थी। उसी रिपोर्ट के आलोक में नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त ने यह बोर्ड लगाकर प्रतिबंध का आदेश दिया था।

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नवनिर्मित शवदाह गृह में नहीं होती अंत्येष्टि

लगभग तीन-चार वर्ष पूर्व स्थानीय विधायक व तत्कालीन पीएचडी मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने एक नया छह चूल्हे का शवदाह गृह का निर्माण कराया था। एक-दो शव की अंतेष्टि उस शवदाह गृह में हुई, लेकिन उसके बाद से वह स्थान पूरी तरह सूना पड़ा है। कोई शव वहां नहीं जलाए जाते हैं। सरकार का लाखों रुपया लगभग बेकार चला गया। निगम प्रशासन नए शवदाह गृह में शव जलाने की पहल नहीं करती। चूंकि वहां सुविधा परिजनों को पूरी तरह मुहैया नहीं कराया गया है।

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नियम का पालन करे प्रशासन

विष्णुपद श्मशान घाट के अतिरिक्त फल्गु नदी में शव जलाने को लेकर एक विवाद यह भी है कि प्रशासन ही निगम के आदेश की अनदेखी करता है। जब भी कोई अतिविशिष्ट का निधन होता है। तो उनका अंतिम संस्कार फल्गु नदी में ही किया जाता है। वैसे में आम लोग भी प्रशासन की देखा-देखी नदी में ही शव की अंत्येष्टि करना सुलभ मानते हैं। विवाद यहीं है। प्रशासन को पहले स्वयं नियम का पालन करना होगा।

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कहते हैं निगमायुक्त

गया नगर निगम के आयुक्त विजय कुमार ने कहा कि विष्णुपद स्थित श्मशान घाट के सौन्द्रर्यीकरण का बजट बना है। इसके बाद घाट का सौन्द्रर्यीकरण किया जाएगा। तब स्वत: लोग फल्गु में शवदाह करना बंद कर देंगे। उन्होंने कहा कि निगम का यह प्रयास है कि फल्गु नदी में कोई भी शव नहीं जलाया जाए।

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