गैस से लगी बटुए में आग, खाली सिलेंडर 2 लाख

गया । वर्ष 2021 रसोई गैस से अब बटुए में आग लग रही और चूल्हे बुझ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 09:56 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 09:56 PM (IST)
गैस से लगी बटुए में आग, खाली सिलेंडर 2 लाख
गैस से लगी बटुए में आग, खाली सिलेंडर 2 लाख

गया । वर्ष 2021 रसोई गैस से अब बटुए में आग लग रही और चूल्हे बुझ रहे हैं। करीब दो लाख सिलेंडर खाली हो गए हैं और गैस चूल्हे पर धूल जमने लगी है। गरीबों के घर से लकड़ी के धुएं उठ रहे हैं। यह हाल है नए साल में रसोई गैस के दाम में बढ़ोत्तरी के मिले तोहफा से।

जनवरी और फरवरी माह में कई बार गैस के दामों में इजाफा दर्ज किया गया है। अभी वर्तमान में एक गैस सिलेंडर का दाम 895.50 रुपये पर पहुंच गया है। लगातार बढ़ते दाम से गरीबों के घरों में अब गैस आना बंद हो गया है। आंकड़े बता रहे हैं कि बीते तीन साल में 3.20 लाख कनेक्शन वितरण किया गया जिसमें दो लाख से अधिक घरों में जहां प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना का सिलेंडर खाली पड़ा है। किरासन तेल इतना नहीं मिलता कि स्टोब जलाएं। जंगल की लकड़ी से फिर गरीबों के घर में धुआं निकलने लगा है। अब महिलाएं आग और लकड़ी पर खाना बनाने लगी है। फरवरी माह की अंतिम सप्ताह में भी रसोई गैस के दाम में 27 रुपये का इजाफा दर्ज की गई। अभी वर्तमान में 895.50 रुपये के करीब पहुंच गया है। ऐसे में गैस के बढ़ते दामों से कीचेन के बजट पर सीधा असर पड़ा है। गरीब महिलाओं को अंगीठी और धुंआ से बचाने के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना शुरु की थी। अब उसका इस्तेमाल कम होता दिख रहा है। कारण बताते है कि गरीब महिलाओं के पास गैस के रिफिलिग कराने के लिए पैसा नहीं है।

------- तीन वर्षो में 3.20 लाख का कनेक्शन मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना की शुरुआत मई 2016 में हुई थी। उस समय से लगातार 2019 तक गैस कनेक्शन के लिए भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम व इंण्डेन पेट्रोलियम के सहयोग से गया जिले के अधिकृत 61 एजेंसी के माध्यम से 3.20 लाख गरीब महिलाओं को कनेक्शन दिया गया। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी में इस योजना के तहत कनेक्शन का कोई लक्ष्य नहीं रखा गया है। यानि कहा जाए 2020 में कोई कनेक्शन इस योजना के तहत नहीं दिया गया। अब 2021 में अभी तक इस योजना के तहत कोई शुरुआत नहीं हुई है।

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रिफलिग नहीं, बिक्री घटी -- गैस एजेंसी संचालक का कहना है कि पिछले दो माह में गैस दामों बेतहाशा वृद्धि हुई है। बढ़ते दाम का सीधा असर बिक्री पर पड़ा है। वे बताते है कि प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना में कनेक्शन का मात्र 10 प्रतिशत ही रिफलिग कराने के लिए लोग आते हैं, 90 प्रतिशत लोगों के घरों योजना का सिलेंडर खाली पड़ा है। इस कारण गैस की बिक्री काफी कम हो रहा है।

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कोरोना काल में सरकारी मदद से भराया गैस --

गैस एजेंसी के एक अधिकारी का कहना है कि वैसे कार्डधारी जिन्हें प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना में कनेक्शन दिया गया था। कोरोना काल में उनका व्यवसाय नहीं चल रहा था, इस कारण से केंद्र सरकार द्वारा तीन माह का गैस खरीदने के लिए कार्डधारी के खाता में राशि उपलब्ध कराया गया था। कोट--

प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना से जुड़े कार्डधारी पर असर नहीं पड़ा है। यहां अभी तक इस योजना में 3.20 लाख गैस कनेक्शन दिया गया है। इन्हें कोरोना काल में तीन गैस सिलेंडर खरीदने के लिए राशि दी गई है। अभी वर्तमान में एक उपभोक्ता एक साल में चार से पांच सिलेंडर का रिफलिग करा रहे हैं।

ज्योति सिंह नोडल पदाधिकारी, गया।

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एक नजर में आंकड़ा

कुल गैस एजेंसी- 61

उज्जवला योजना के कार्डधारी -3.20 लाख

आम गैस उपभोक्ता- 12 लाख

वर्तमान में प्रति सिलेंडर दर-895.50 रुपये।

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