Covid Vaccination : इस महामारी में भी ऐसी सुस्ती, टीकाकरण में सबसे पीछे रह गया औरंगाबाद
कोविड वैक्सीनेशन के फर्स्ट डोज मामले में औरंगाबाद जिला अंतिम पायदान पर है। लेकिन जिले में वैक्सीनेशन की स्थिति काफी खराब है। जिले में औरंगाबाद प्रखंड पहले और रफीगंज सबसे निचले स्थान पर है। लक्ष्य का आधा भी टीकाकरण नहीं हुआ।
उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद)। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से बचाव का प्रमुख हथियार टीकाकरण को माना जा रहा है। दो गज की दूरी, मास्क जरूरी, बार-बार हाथ धोते रहना जरूरी भी बचाव के उपाय हैं। वैक्सीनेशन (Covid Vaccination) ही एकमात्र ऐसा उपाय है जिससे आबादी को संक्रमित होने और मौत से बचाया जा सकता है।लेकिन दुर्भाग्य यह है कि टीकाकरण के मामले में औरंगाबाद जिला 38 जिलों के प्रदेश बिहार में सबसे नीचे है।
पांच लाख 35 हजार था लक्ष्य, एक लाख को ही लगा टीका
फर्स्ट डोज टीकाकरण (First dose Vaccination) का टारगेट जिला के लिए 5, 35, 953 रखा गया था। इसके मुकाबले 3 मई 2021 तक केवल 1,02,623 लोगों को ही फर्स्ट डोज का टीका लग सका है। प्रतिशत में यह उपलब्धि महज 19.4 है। सबसे छोटे आकार का जिला शिवहर नंबर वन है। औरंगाबाद से बेहतर प्रदर्शन सीमावर्ती अरवल का है जो 34 वें स्थान पर है। रोहतास 28 वें और गया 20 वें स्थान पर है।
प्रखंड का नाम फर्स्ट डोज टारगेट उपलब्धि उपलब्धि प्रतिशत रैंक स्टॉक डोज
सदर एंड अर्बन 60568 20018 33.05 प्रथम 1450
बारूण 41569 8440 20.3 तृतीय 1130
दाउदनगर 43126 8241 19.1 पांचवां 370
देव 36108 7274 20.14 चतुर्थ 920
गोह 48988 7153 14.6 दसवां 580
हसपुरा 33775 6356 18.81 सातवां 1560
कुटुंबा 47258 7409 15.67 नौवां 800
मदनपुर 44090 8333 18.89 छठा 980
नबीनगर 63871 10227 16.01 आठवां 910
ओबरा 47290 11098 23:46 दूसरा 1770
रफीगंज 65043 8074 12.41 ग्यारहवां 1580
जिला 535953 102623 19.14 राज्य में 38 वां 900
फिसड्डी रहने के पांच प्रमुख कारण
असैनिक शल्य चिकित्सक मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी औरंगाबाद की ओर से मंगलवार को जारी पत्र के अनुसार फिसड्डी रहने के पांच प्रमुख कारण हैं। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सभी प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक को इस संबंध में भेजे पत्र में सीएस ने कहा है कि टीकाकरण की उपलब्धि काफी कम है। जिससे प्रमाणित होता है कि सत्र का आयोजन गुणवत्तापूर्ण नहीं हो रहा है। निश्चित रूप से प्रखंड स्तरीय अंतर विभागीय समन्वय की कमी के साथ-साथ विभागीय समन्वय की कमी लिखती है। जैसे-
1.शत-प्रतिशत सृजित टीकाकरण स्थलों पर टीकाकरण कार्यान्वित नहीं होना
2.आशा की संतोषजनक भूमिका
3.प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक द्वारा आशा वार विश्लेषण में कमी
4.प्रखंड स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण एवं तदनुसार उस समय कार्रवाई में कमी
5.प्रखंड स्तर पर पर्यवेक्षण की कमी।
प्रगति नहीं दिखी तो होगी कार्रवाई- सीएस
सिविल सर्जन ने आदेश जारी कर कहा है कि सभी को निर्देशित है कि लक्ष्य के विरुद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि हेतु सभी आवश्यक प्रयास करें। अन्यथा एक सप्ताह पश्चात पुनः आकलन करने पर अपेक्षित प्रगति नहीं दिखी तो आप सभी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। तत्काल सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देशित है कि इस लापरवाही के लिए सभी जिम्मेदार कर्मियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु कृत कार्रवाई का प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। जिससे भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो।
चार प्रखंडों की स्थिति अत्यंत खराब
सिविल सर्जन ने कोविड-19 रोधी टीकाकरण में अपेक्षित प्रगति नहीं होने के संबंध में जो पत्र लिखा है उसमें साफ कहा है कि जिला अंतर्गत प्रखंड वार विश्लेषण करें तो पाते हैं कि रफीगंज, गोह, कुटुंबा एवं नवीनगर की स्थिति अत्यंत असंतोषजनक है। हालांकि इन चारों प्रखंडों द्वारा सत्र आयोजन के संख्यात्मक उपलब्धि जिला अंतर्गत अन्य प्रखंडों की तुलना में कम नहीं है। फिर भी टीकाकरण उपलब्धि अन्य प्रखंडों की तुलना में काफी कम है। जिससे प्रमाणित होता है कि सत्र का आयोजन गुणवत्तापूर्ण नहीं हो रहा है।