औरंगाबाद सदर अस्पताल के एसएनसीयू में नौ माह में 88 नवजात की मौत, डॉ ने बताई यह वजह
नवजात बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के उद्देश्य से सदर अस्पताल में स्थापित विशेष नवजात देखभाल इकाई यानी एसएनसीयू संसाधन की कमी से खुद बीमार दिख रहा है। जीवनदायिनी एसएनसीयू में लगातार बच्चों की मौत हो रही है।
औरंगाबाद, शुभम कुमार सिंह। नवजात बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के उद्देश्य से सदर अस्पताल में स्थापित विशेष नवजात देखभाल इकाई यानी एसएनसीयू संसाधन की कमी से खुद बीमार दिख रहा है। जीवनदायिनी एसएनसीयू में लगातार बच्चों की मौत हो रही है, परंतु इससे स्वास्थ्य विभाग अनभिज्ञ है। विभाग इसका कारणों का पता लगाने में असमर्थ है। यह अत्याधुनिक केंद्र अपने उद्देश्यों को पूरा करने में खरा नहीं उतर रहा है। करोड़ों रुपये वार्ड पर खर्च किया गया है। अब भी इस पर लाखों खर्च हो रहे हैं, परंतु बच्चों की जान नहीं बच पा रही है। वैसे वर्तमान में पदस्थापित चिकित्सक एवं नर्स बेहतर सुविधा देने को हर प्रयास कर रहे हैं। विभागीय आंकड़ा की माने तो वर्ष 2021 के जनवरी से सितंबर माह तक 88 नवजातों की जान जा चुकी है।
एक-एक कर बढ़ता गया आंकड़ा
हर माह करीब छह से 15 बच्चों की मौत हो रही है। एक-एक कर आंकड़ा बढ़ते जा रहा है। परंतु इस पर कोई गौरतलब कार्य नहीं किया जा रहा है। वर्ष 2021 के जनवरी से सितंबर तक 88 नवजातों की मौत हो गई है। इस पर समीक्षा करना अधिकारी बेहतर नहीं समझते हैं। हालांकि यह एसएनसीयू अब तक हजारों बच्चों को जान बचाया है। परंतु निर्माण से अब तक इसी में 400 से अधिक नवजातों की जान चली भी गई।
कहते हैं चिकित्सक -
बच्चा रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डा. सत्येंद्र कुमार ने बच्चों की मौत का कई कारण बताया है। कहा कि अगर जन्म के बाद अगर बच्चा का वजन कम हो और प्रसव के समय के पहले जन्म हो जाए तो इस तरह का खतरा होता है। सांस लेने में परेशानी एवं जन्म के समय बच्चा का वजन अधिक होना भी मौत का कारण बन रहा है। कुछ बच्चों को बाहर के निजी क्लीनिक में भर्ती रखा जाता है जहां कोई व्यवस्था नहीं है। वहां के डॉक्टरों से मरीज की स्थिति में सुधार नहीं हाेता तो रेफर कर देते हैं। स्थिति खराब होने के बाद स्वजन बच्चे को यहां लाते हैं तब केस संभालना मुश्किल हो जाता है। हर माह 80 से 85 बच्चों को भर्ती किया जाता है। जिसमें 5, 6 से लेकर 10 नवजात की मौत हो जा रही है। शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए मांओं की सेहत का भी ध्यान रखना होगा।
एसएनसीयू का आंकड़ा -
माह (2021) - भर्ती - रेफर - मौत
जनवरी - 69 - 11 - 08
फरवरी - 70 -24 -06
मार्च -91 -16 -06
अप्रैल -78- 12 - 11
मई - 54- 04 - 13
जून - 73-12 -05
जुलाई - 103- 14 -14
अगस्त - 124- 26 -12
सितंबर - 118 - 15- 13
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कुल -780 - 134- 88