फूल के खेतों तक पहुंचे अधिकारी, किसानों को दिए सुझाव

तेतरिया में फूल की खेती की बर्बादी से जुड़ी खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने के बाद प्रशासनिक महकमा सजग दिख रहा है। जिला उद्यान पदाधिकारी डॉ. श्रीकान्त ने संजीदगी दिखाते हुए कृषि सलाहकार को भेज तथा मोबाइल फोन से फूल उत्पादक किसान को सुझाव दिया कि बर्बाद हो रहे फूलों को पकने दें।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 May 2020 12:21 AM (IST) Updated:Fri, 01 May 2020 06:10 AM (IST)
फूल के खेतों तक पहुंचे अधिकारी, किसानों को दिए सुझाव
फूल के खेतों तक पहुंचे अधिकारी, किसानों को दिए सुझाव

मोतिहारी । तेतरिया में फूल की खेती की बर्बादी से जुड़ी खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने के बाद प्रशासनिक महकमा सजग दिख रहा है। जिला उद्यान पदाधिकारी डॉ. श्रीकान्त ने संजीदगी दिखाते हुए कृषि सलाहकार को भेज तथा मोबाइल फोन से फूल उत्पादक किसान को सुझाव दिया कि बर्बाद हो रहे फूलों को पकने दें। इस फूल में बीज बनेंगे और अच्छी आमदनी होगी। उन्हें आगामी मौसम में खेती के लिए पौधे के लिए कोलकाता का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा, बल्कि अपने बीज से तैयार किए गए बिचड़े से खुद खेती तो करेंगे ही साथ ही दूसरी जगह भी बेचकर कमाई कर सकते हैं। बता दें कि दैनिक जागरण में छपी फूल के नहीं मिल रहा है खरीदार, किसान बेबस और लाचार शीर्षक से पेज चार पर प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया है। स्थानीय कृषि सलाहकार को निर्देशित किया कि प्रभावित कृषक को बताएं कि इसे नष्ट न करें, संरक्षित रखें। बीज बनाने के गुण सिखाने को भेजा। डीएचओ निर्देश पर पहुंचे कृषि सलाहकार विनोद कुमार ने कहा कि किसान फूल की मांग कम होने से अपने खेतों में खिले फूल को तोड़ कर नहीं फेंके बल्कि उसे पौधे में भरपूर पकने दें। सरकार भी उनके बीजों को खरीद सकती है। इधर पदाधिकारी ने बताया कि लाकडाउन प्राकृतिक आपदा नहीं है। इसलिए इस दौरान हुई क्षति का मुआवजा नहीं मिलेगा। लेकिन आगामी वर्ष में जिन्होंने अपनी जमीन पर खेती की है या जो दूसरे के खेत लीज पर लेकर खेती करते हैं उन्हें भी फसल क्षति मुआवजे की लाभ दिलाई जाएगी। सलाहकार विनोद कुमार ने फूल की खेतों का निरीक्षण किया तथा किसानों को इसे संरक्षित कर के बीज बनाने की विधि समझाया। मौके पर स्थानीय किसान विनोद कुमार,रंजीत कुमार, लालबाबू प्रसाद, राम स्वार्थ भगत, हरगेन कुशवाहा, शंकर भगत महेन्द्र प्रसाद, रामचंद्र प्रसाद, जगदीश प्रसाद, महेन्द्र प्रसाद, सहित अन्य किसान मौजूद थे ।

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