पायलट प्रोजेक्ट से पोषण अभियान होगा अधिक सुदृढ़
सामुदायिक पोषण में सुधार लाने को लेकर चलाए जा रहे पोषण अभियान को सु²ढ़ करने के लिए अब प्रत्येक जिले में प्रखंड सेक्टर या गांव स्तर पर पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा।
मोतिहारी। सामुदायिक पोषण में सुधार लाने को लेकर चलाए जा रहे पोषण अभियान को सु²ढ़ करने के लिए अब प्रत्येक जिले में प्रखंड, सेक्टर या गांव स्तर पर पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। राष्ट्रीय पोषण मिशन यानि पोषण अभियान के जरिए अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी जिलों में पायलट प्रोजेक्ट चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी जिलों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसके जरिए यह भी जानना चाहा है कि पायलट प्रोजेक्ट कहां पर चलाया जाएगा- प्रखंड, सेक्टर या गांव स्तर पर। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी पत्र के आलोक में निदेशक आइसीडीएस ने पत्र जारी करते हुए बताया है राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कुपोषण को कम करने हेतु पोषण अभियान का क्रियान्वयन राज्य के सभी जिलों में किया जा रहा है। इसका लक्ष्य निर्धारित समय सीमा के अंदर बच्चों में बौनापन, अल्प वजन, दुबलापन तथा महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया की दर में कमी लाना है। इस क्रम में प्रखंड, सेक्टर या गांव स्तर पर कुपोषण को कम करने की दिशा में चिन्हित विषयों पर नवाचार गतिविधि के माध्यम से लक्षित संकेतकों को समय सीमा में प्राप्त करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। इससे सेवा वितरण प्रणाली में सुधार, सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि, प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्द्धन एवं सामुदायिक सहभागिता के जरिए बेहतर पोषण परिणाम दिलाने में सहयोग होगा। इसके लिए वर्ष 2019-20 में सभी जिलों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के कुशल क्रियान्वयन के लिए प्रति जिला कुल 27.85 लाख रूपये का बजट निर्धारित किया गया है। साथ ही सभी जिलों से लिखित प्रस्ताव भी मंगाए गए हैं। इन विषयों को प्रोजेक्ट में किया जाएगा शामिल पायलट प्रोजेक्ट की स़फलता के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुछ उद्देश्यों को शामिल किया है। इनमें पोषण अभियान के उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु संबधित सभी विभागों द्वारा प्रदत्त सेवाओं का समन्वय, घर पर स्तनपान एवं अनुपूरक आहार को सुनिश्चित करना, अल्प पोषण के कारण बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं में एनीमिया की दर में कमी लाना, गरीब परिवारों में बच्चों के लिए अनुपूरक आहार की गुणवत्ता में सुधार लाना, अति कुपोषित बच्चों की समय से पहचान एवं देखभाल हेतु प्रबंधन, बीमारी के दौरान एवं उसके बाद बच्चों के समुचित खान-पान में सुधार हेतु प्रबंधन, आंगनबाड़ी केंद्र की सेवाओं में सुधार लाना, व्यवहारगत आदतों में परिवर्तन हेतु सुगम एवं प्रभावी संचार को विकसित करना आदि शामिल है। इन बिंदुओं पर बनेगा प्रस्ताव पायलट प्रोजक्ट के प्रस्ताव के लिए एक फॉर्मेट बनाया गया है। प्रस्ताव के जरिए पायलट प्रोजेक्ट का शीर्षक, स्थान जहां इसे क्रियान्वानित किया जाएगा (गांव या ब्लॉक स्तर पर)। पायलट प्रोजेक्ट के लिए संभावित टीम जैसे सीडीपीओ, लेडिज सुपरवाइजर, अन्य डेवेलपमेंट सहयोगी एवं उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य की रूपरेखा, पायलट प्रोजेक्ट के लिए विस्तृत कार्ययोजना, प्रोजेक्ट की पृष्ठभूमि एवं तर्क, इससे किन समस्याओं का समाधान हो पाएगा, पायलट प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य, समयावधि एवं इससे होने वाले अपेक्षित परिणामों के विषय में जानकारी देनी होगी।