शहरी इलाके के 1720 गरीबों को मिली आवास की चाबी

मोतिहारी । शहर के रोइंग क्लब में शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नगर विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन लोकार्पण एवं शिलान्यास का लाइव वेबकास्टिग के माध्यम से देखा सुना गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 11:06 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 11:06 PM (IST)
शहरी इलाके के 1720 गरीबों को मिली आवास की चाबी
शहरी इलाके के 1720 गरीबों को मिली आवास की चाबी

मोतिहारी । शहर के रोइंग क्लब में शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नगर विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास का लाइव वेबकास्टिग के माध्यम से देखा सुना गया। इस दौरान प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना अंतर्गत जिले के शहरी इलाकों के कुल 1720 गरीबों को जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक एवं विधायकों द्वारा आवास की चाबी सौंपी गई। इसमें मोतिहारी नगर निगम के 108 लाभार्थी ,ढाका नगर परिषद के 730 लाभार्थी, अरेराज नगर पंचायत के 43 लाभार्थी, सुगौली नगर पंचायत 126 लाभार्थी ,पकड़ीदयाल नगर पंचायत के 244 लाभार्थी एवं मेहसी नगर पंचायत 469 लाभार्थी शामिल रहे। इस कार्यक्रम के आयोजन में जिलाधिकारी सह नगर निगम, मोतिहारी के प्रशासक शीर्षत कपिल अशोक के साथ पूर्व मंत्री सह मधुबन विधायक राणा रंधीर, मोतिहारी नगर निगम के सिटी मैनेजर मृत्युंजय कुमार, नगर परिषद, ढाका ,अरेराज ,नगर पंचायत, सुगौली, नगर पंचायत पकड़ीदयाल, नगर पंचायत एवं मेहसी नगर पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं वार्ड पार्षदगण,नगर निकाय के सभी कर्मी तथा आवास निर्माण की सभी लाभार्थी उपस्थित थे।

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सभी निबंधित निर्माण श्रमिकों को आयुष्मान भारत व जन आरोग्य योजना से जोड़ने का निर्देश

मोतिहारी, संस : श्रम अधीक्षक राकेश रंजन द्वारा सभी प्रखंडों के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को अपने अपने प्रखंडों के निबंधित निर्माण श्रमिकों को आयुष्मान भारत का कार्ड बनवाने का दिशा निर्देश दिया गया है। श्रम अधीक्षक द्वारा बताया गया कि जिले के ऐसे सभी निर्माण कामगार जिनका श्रम कार्यालय द्वारा लेबर कार्ड बनाया गया है वे अपना लेबर कार्ड और आधार कार्ड लेकर अपने नजदीकी सीएससी सेंटर (वसुधा केंद्र) पर जाकर अपना नि:शुल्क आयुष्मान भारत का हेल्थ कार्ड बनवा सकते हैं। इस हेल्थ कार्ड के बन जाने पर उनके परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख तक का नि:शुल्क इलाज पंजीकृत सरकारी एवं निजी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा।

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