हाईस्कूलों की तरह अब मीडिल स्कूलों में भी शुरू होंगे स्मार्ट क्लास : डीपीओ

हाईस्कूल के बाद अब मध्य विद्यालय के बच्चे भी स्मार्ट क्लास के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Jul 2019 11:51 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 06:29 AM (IST)
हाईस्कूलों की तरह अब मीडिल स्कूलों में भी शुरू होंगे स्मार्ट क्लास : डीपीओ
हाईस्कूलों की तरह अब मीडिल स्कूलों में भी शुरू होंगे स्मार्ट क्लास : डीपीओ

दरभंगा। हाईस्कूल के बाद अब मध्य विद्यालय के बच्चे भी स्मार्ट क्लास के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए प्रत्येक प्रखंड में एक-एक मध्य विद्यालय को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन किया जाएगा। अगर कोई शिक्षा समिति इच्छुक हो तो वह जन सहयोग से भी अपने मध्य विद्यालय में स्मार्ट क्लासेज का संचालन कर सकती है। समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी संजय कुमार देव कन्हैया ने बुधवार को हनुमाननगर के मध्य विद्यालय उखरा में जनसहयोग से संचालित स्मार्ट क्लासेज का उदघाटन करने के बाद कहा कि सरकार प्रत्येक प्रखंड में एक-एक मध्य विद्यालय में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्मार्ट क्लासेज का संचालन करने जा रही है। पहले 16 जुलाई से माध्यमिक स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज का पूरी तरह संचालन शुरू हो जाए, इसके बाद मध्य विद्यालयों की बारी आएगी। कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित मध्य विद्यालयों को स्मार्ट क्लासेज के लिए धनराशि सरकार मुहैया कराएगी। लेकिन, विद्यालय शिक्षा समितियों को यह छूट दी गई है कि वह चाहें तो अपने-अपने स्कूल में भी जन सहयोग से स्मार्ट क्लासेज का संचालन कर सकती है। जैसे उखरा मध्य विद्यालय में शिक्षा समिति के सदस्यों ने किया है। उसे अभी तक सरकार ने स्मार्ट क्लासेज चलाने के लिए कोई पैसा नहीं दिया है, लेकिन यह शिक्षा समिति के सदस्यों की ²ढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है कि वहां स्मार्ट क्लासेज चल रहा है। कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में जन सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने यह निर्णय लिया है। जब निजी स्कूल के बच्चे अपना शुल्क देकर निजी स्कूल में स्मार्ट क्लास के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं, तो सरकारी स्कूल के बच्चे भी पीछे क्यों रहें। तत्काल सरकार प्रत्येक प्रखंड में एक मध्य विद्यालय को स्मार्ट क्लासेज के लिए राशि देगी।लेकिन, यह एक मॉडल है। दूसरे मध्य विद्यालय के शिक्षक और वहां की विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य इससे प्रेरित हो और जन सहयोग प्राप्त कर स्कूल में स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था करें। इससे सरकारी स्कूल के बच्चे नैतिक रूप से बलवान होंगे ही, उनकी प्रतिभा को भी निखारने का अवसर मिलेगा।

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