चौकिया गांव के कई घर नदी में विलीन

कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के इटहर पंचायत स्थित चौकिया गांव के सैकड़ों दलित परिवार के लोगों की नींद उड़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Sep 2019 01:59 AM (IST) Updated:Sat, 14 Sep 2019 01:59 AM (IST)
चौकिया गांव के कई घर नदी में विलीन
चौकिया गांव के कई घर नदी में विलीन

दरभंगा। कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के इटहर पंचायत स्थित चौकिया गांव के सैकड़ों दलित परिवार के लोगों की नींद उड़ गई है। कमला- बलान नदी के जलस्तर में कमी के बाद से नदी की तेज धारा के कारण गांव में काफी तेजी से कटाव हो रहा है। लगातार हो रहे कटाव से अब तक दर्जनों परिवार का घर पूरी तरह नदी में विलीन हो गया है। जिससे यहां के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोग रतजगा करने को विवश है। पता नहीं, कब किसका घर नदी में समा जाए। लोग घरों से सारा सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों की तलाश में भटक रहे है। बता दें कि कुशेश्वरस्थान में कमला-बलान (दर्जिया- फुहिया) तटबंध के निर्माण के बाद इटहर पंचायत तटबंध के गर्भ में बसा हुआ है। वहीं, तटबंध के गर्भ में बसे चौकिया गांव के पासवान टोला के ठीक सामने से नदी कहती है। नदी के जलस्तर में कमी के बाद से पासवान टोला में काफी तेज गति से कटाव हो रहा है। यदि इसे जल्द नहीं रोका गया तो आने वाले कुछ ही दिनों में पूरा का पूरा पासवान टोल नदी में विलीन हो जाएगा। जानकर बताते हैं कि जब से तटबंध का निर्माण हुआ है, तब से सरकारी स्तर पर पुनर्वास के लिए गांव के लोगों को केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है। कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। तत्कालीन सीओ नरेंद्र कुमार के समय में ही गांव के लोगों को पुनर्वास के लिए तीन डिसमिल जमीन देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक यहां के लोगों को पुनर्वास के लिए जमीन मुहैया नहीं कराया गया है। कटाव से भिखो पासवान, छोटेलाल पासवान, दिलीप पासवान, रामशोभित पासवान, रामसिगार पासवान सहित दर्जनों लोगों का घर बलान नदी में पूरी तरह विलीन हो गया है। पासवान टोल के पूर्व पंसस संजना देवी, चंद्रशेखर पासवान, विनोद पासवान सहित दर्जनों लोग बताते हैं कि इस मामले में सीओ से लेकर जिलाधिकारी को कई बार आवेदन दिया गया। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। तटबंध पर जब झोपड़ी बनाने जाते हैं तो वहां भी झोपड़ी नहीं बनाने नही दिया जा रहा है। इस संबंध में ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि चौकिया के लोगों को पुनर्वास के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।

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