शिक्षा का विकास ही सामाजिक परिवर्तन का मूल मंत्र : डॉ. अमरनाथ
दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से इस वर्ष दर्शन संकाय में पीएचडी करने वाले एकमात्र डॉ. अमनाथ झा सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में संस्कृत शिक्षा के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं।
दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से इस वर्ष दर्शन संकाय में पीएचडी करने वाले एकमात्र डॉ. अमनाथ झा सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में संस्कृत शिक्षा के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। इस बार संस्कृत विवि में आयोजित सातवें दीक्षा समरोह में डॉ. अमरनाथ झा को रामानन्ददर्शने न्यायादि-दर्शनस्य प्रभाव: विषय पर शोध के लिए विद्यावारिधि यानी की पीएचडी की उपाधी सूबे के राज्यपाल फागू चौहान के हाथों प्राप्त हुआ। मूल रूप से मधुबनी जिला के मधेपुर प्रखंड स्थित द्वालख गांव निवासी डॉ. अमरनाथ इससे पूर्व वर्ष 2005 में संस्कृत विश्वविद्यालय से दर्शन में आचार्य कर चुके हैं। आचार्य स्तर पर भी वे गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने 2010 में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय में एमए कर चुके हैं। डॉ. झा वर्तमान में दुर्गम कोसी क्षेत्र में संस्कृत शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने में जुटे हैं। वे लोगों को ना केवल कर्मकांड के महत्व से अवगत करा रहे हैं, बल्कि उसका प्रशिक्षण भी दे रहे। कर्मकांड के साथ-साथ वे सामाजिक कार्यों में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। डॉ. झा का कहना है कि शिक्षा का विकास ही सामाजिक परिवर्तन का मूल मंत्र है। इस बात को आधार मान कर ही डॉ.झा अपने गांव में बच्चों को संस्कृत शिक्षा दे रहे हैं।