शास्त्रार्थ संचालन के लिए कमेटी नामित

कामेश्वर ¨सह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर 22 जनवरी से शुरू होगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Jan 2018 01:11 AM (IST) Updated:Tue, 16 Jan 2018 01:11 AM (IST)
शास्त्रार्थ संचालन के लिए कमेटी नामित
शास्त्रार्थ संचालन के लिए कमेटी नामित

दरभंगा। कामेश्वर ¨सह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर 22 जनवरी से शुरू होने वाला शास्त्रार्थ कार्यक्रम अब 27 जनवरी तक चलेगा। पहले 26 को ही इसे समाप्त हो जाना था। लेकिन राष्ट्रीय पर्व होने के कारण इस दिन विराम दिया गया है। यानी पांच दिनों तक विद्वतजन मुख्यालय के बहुउद्देशीय भवन में प्रतिदिन दो सत्रों में शास्त्रार्थ करेंगे। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी सत्रों के अलग-अलग कुल दस संयोजक नामित किए गए है। इनमें डॉ. शशिनाथ झा, डॉ. बौआनंद झा, डॉ. श्रीपति त्रिपाठी, डॉ. सुरेश्वर झा, डॉ. दिलीप कुमार झा, डॉ. विश्राम तिवारी, डॉ. दयानाथ झा, डॉ. विनय कुमार मिश्र, डॉ. मीना कुमारी व डॉ. पुरेंद्र वारिक शामिल हैं। वहीं आयोजन समिति में भी दो सदस्यों वित्तीय परामर्शी एमआर मालाकार व कुलसचिव डॉ. शिवलोचन झा को नामित किया गया है। इस तरह यह समिति अब नौ सदस्यों के साथ काम करेगी।

----------------------------

कार्यक्रम की रूप रेखा पर एक नजर

22 जनवरी को उदघाटन के दिन पहले सत्र में डॉ. मीना कुमारी व डॉ. विश्राम तिवारी के साथ साथ डॉ. विद्येश्वर झा व डॉ. विनय कुमार मिश्र के बीच यज्ञ पर शास्त्रार्थ होगा। पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ. उपेंद्र झा वैदिक करेंगे। वहीं, दूसरे सत्र में डॉ. वाचस्पति शर्मा त्रिपाठी का विशिष्ट व्याख्यान होगा। 23 जनवरी को पहले सत्र में भोपाल के डॉ. हंसधर झा व लखनऊ के डॉ. मदनमोहन पाठक के बीच चंद्र ग्रहण पर शास्त्रार्थ होगा जबकि दूसरे सत्र में ज्योतिष पर दिल्ली के डॉ. देवी प्रसाद त्रिपाठी विशिष्ट व्याख्यान देंगे। इसकी अध्यक्षता पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ रामचन्द्र झा करेंगे। 24 को दोनों सत्रों में साहित्य से जुड़े मामलों पर हरिद्वार के डॉ. विजयपाल शास्त्री व लखनऊ के डॉ. रामलखन पांडे के बीच शास्त्रार्थ होगा। इसकी अध्यक्षता दिल्ली विद्यापीठ के कुलपति डॉ. रमेश कुमार पांडे व पर्यवेक्षक की भूमिका में रहेंगे पूर्व कुलपति डॉ. देव नारायण झा रहेंगे। 25 जनवरी को दर्शनशास्त्र से जुड़े मुद्दे पर मंथन होगा। पहले सत्र में बनारस के डॉ. रामपूजन पांडे व डॉ. कमलेश झा शास्त्रार्थ करेंगे। वहीं दूसरे सत्र में बनारस के ही डॉ. कमलेश झा व डॉ. बौआनंद झा के बीच शास्त्रार्थ होगा। 27 जनवरी को पहले सत्र में व्याकरण पर जयपुर के डॉ. श्रीधर मिश्र व मुम्बई के बोध कुमार झा के बीच तथा द्वितीय सत्र में डॉ. सुरेश्वर झा व डॉ. शशिनाथ झा में शास्त्रार्थ होगा।

chat bot
आपका साथी