हिदी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक दर्जा दिलाने को लेकर चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

दरभंगा। अंतरराष्ट्रीय संस्था हिन्दी साहित्य भारती की बिहार प्रांत इकाई तथा दरभंगा जिला इकाई

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 12:18 AM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 12:18 AM (IST)
हिदी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक दर्जा दिलाने को लेकर चलाया जाएगा जागरूकता अभियान
हिदी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक दर्जा दिलाने को लेकर चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

दरभंगा। अंतरराष्ट्रीय संस्था हिन्दी साहित्य भारती की बिहार प्रांत इकाई तथा दरभंगा जिला इकाई के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को नवनिर्मित दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सभागार में प्रेसवार्ता आयोजित किया गया। इसमें संस्था के उद्देश्यों, विविध आयामों, कार्यक्रमों एवं संगठनात्मक स्वरूपों आदि की विस्तार से जानकारी दी गई। संस्था के बिहार इकाई के अध्यक्ष डा. दिनेश प्रसाद ने कहा कि हिदी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक दर्जा दिलाने को लेकर व्यापक रूप से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रांतीय महामंत्री डा. अजीत कुमार सिंह ने कहा कि संस्था भारत के 27 प्रदेशों सहित 35 देशों में सक्रिय है। संस्था का उद्देश्य साहित्यकारों को प्रेरित कर उन्हें सम्मानित करना तथा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सेमिनार व वेबीनार, कविगोष्ठी, साहित्यकार सम्मेलन आदि आयोजित करना है।

हिन्दी साहित्य भारती के दरभंगा जिलाध्यक्ष डा. आरएन चौरसिया ने कहा कि दरभंगा में तीव्र गति से सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। शीघ्र ही कार्यकारिणी समिति व मार्गदर्शक मंडल का भी गठन किया जाएगा। संस्थान महान साहित्यकारों के प्रेरक व्यक्तित्व एवं कृतित्व का प्रचार-प्रसार, युवा साहित्यकारों को मंच प्रदान सहित राष्ट्रहित में साहित्य-सृजन को बढ़ावा भी देगी। डा. चौरसिया ने कहा कि 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद जयंती, गोस्वामी तुलसीदास जयंती तथा आगामी हिन्दी दिवस के अवसर पर 14 सितंबर को विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जबकि 14 सितंबर से 14 अक्टूबर के बीच हिन्दी माह के रूप में मनाते हुए विभिन्न विषयों पर रोचक व ज्ञानवर्धक व्याख्यानों, वेबीनारों, विचार गोष्ठियों का आयोजन विषय-विशेषज्ञों के माध्यम से कराया जाएगा। वहीं विद्यालयों व महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा, इसमें सफल प्रतिभागियों को पुरस्कार व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

प्रो. प्रभाकर पाठक ने कहा कि हिदी भाषा नहीं, बल्कि भारत की अभिलाषा है। इसमें अन्य भाषाओं के शब्दों को ग्रहण कर आत्मसात करने की अछ्वुत क्षमता है। हिदी हमारी मातृभाषा तथा राजभाषा तो है ही हम इसे राष्ट्रभाषा भी करते हैं। प्रेसवार्ता को डॉ सतीश चंद्र भगत, डा. संतोष कुमार, हरि साहनी, अमिताभ कुमार सिन्हा, डा. प्रतिभा स्मृति तथा डा. रितु प्रज्ञा ने संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन संजय कुमार ने किया।

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