मशीन के बावजूद नहीं होती कैप्सूल इंडोस्कोपी

दरभंगा, संस : डीएमसीएच महंगी जांच मशीन की खरीदारी तक ही सीमित है। आपूर्तिकर्ता को भुगतान हुआ और

By Edited By: Publish:Thu, 23 Apr 2015 10:53 PM (IST) Updated:Thu, 23 Apr 2015 10:53 PM (IST)
मशीन के बावजूद नहीं होती कैप्सूल इंडोस्कोपी

दरभंगा, संस : डीएमसीएच महंगी जांच मशीन की खरीदारी तक ही सीमित है। आपूर्तिकर्ता को भुगतान हुआ और जांच केंद्र में ताले लटक गए । यही मामला मेडिसीन आईसीयू में चार साल पूर्व कैप्सूल इंडोस्कोपी जांच के साथ हुआ। सूबे की दूसरी इस जांच मशीन की आपूर्ति यहां हुई थी । 11 बाई 26 एमएम की लम्बाई का यह कैप्सूल को रोगियों को दवा की तरह खाना है । इसका वजन 3.7 ग्राम होता है । यह कैप्सूल पेट में जाकर पेट की हर बीमारियों की जांच कर फोटो बाहर भेजता है। इस छोटे से कैप्सूल में कैमरा, एंटिना व ट्रांसमीटर रहता है। आठ घंटे तक यह कैप्सूल पेट में घूमता रहता है। इस आठ घंटे तक यह कैप्सूल पेट की डाइजेस्टिव रिपोर्ट बाहर भेजता रहता है। बाहर में इस रिपोर्ट का रिकार्ड आठ घंटे के बाद देखने की सुविधा है । इस माध्यम से पेट के किसी भी रोग का पता लगाया जा सकता है । आठ घंटे के बाद यह कैप्सूल शौच के रास्ते से बाहर निकल जाता है। एक रोगी पर इस जांच की कीमत 35 से 40 हजार की लागत आती है लेकिन ऐसे जांच पर ग्रहण लग गया। मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि उनके समय में यह जांच की सुविधा की आपूर्ति नहीं हुई थी। सुना था कि यह कैप्सूल जांच की सुविधा यहां आपूर्ति हुई थी लेकिन, यह कैप्सूल जांच की सुविधा यहां देखी नहीं है ।

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