समाजिक एकता की मिसाल है गणेश चतुर्थी पूजा

बक्सर। सोमवार को गणेश चतुर्थी है, जिसे देश के कोने-कोने में दस दिनों तक पूरे धूम-धाम के स

By Edited By: Publish:Mon, 05 Sep 2016 02:52 AM (IST) Updated:Mon, 05 Sep 2016 02:52 AM (IST)
समाजिक एकता की मिसाल है गणेश चतुर्थी पूजा

बक्सर। सोमवार को गणेश चतुर्थी है, जिसे देश के कोने-कोने में दस दिनों तक पूरे धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार भादो मास के शुक्लपक्ष को श्री गणेश भगवान का जन्म हुआ था जिसे हर साल हम गणेश चतुर्थी के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस अवसर पर देश में दस दिनों तक पूरे धूम-धाम के साथ भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है।

कहते हैं कि देवताओं में सर्वश्रेष्ठ स्थान भगवान श्री गणेश को दिया गया है जिसके कारण किसी भी पूजा-पाठ के पहले श्री गणेश की स्थापना व पूजा के बाद ही अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है। बुद्धि, समृद्धि और वैभव के देवता गणेश को मंगलमूर्ति के साथ ही विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। मान्यता है कि श्री गणेश की पूरे भक्ति भाव से उपासना करने पर व्यक्ति के सभी मनोरथ पूरे होते हैं।

महाराष्ट्र से शुरू हुआ उत्सव

बताया जाता है कि समाज सुधारक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने सबसे पहले 1893 ई. में सामाजिक दुर्भावना को दूर कर समाज के सभी लोगों को एक सूत्र में बांधने के लिए भगवान गणेश को सबका देवता बताया था और पहली दफा गणेश पूजा का सार्वजनिक उत्सव कराया था। तब महाराष्ट्र से शुरू हुआ यह आयोजन देखते ही देखते पूरे देश में मनाया जाने लगा। समाज सुधारक लोकमान्य तिलक का यह प्रयास आज सामाजिक समरसता और एकता की मिसाल बन चुका है जहां महाराष्ट्र के हर घर में इस मौके पर भगवान गणेश की प्रतिमा रखकर दस दिनों तक विधिवत पूजा-पाठ किया जाता है और चतुर्दशी के दिन विधिवत प्रतिमा का विसर्जन होता है। धीरे-धीरे गणेश पूजा का प्रसार अन्य राज्यों में भी होने लगा और अब तो बिहार में भी इसकी दस दिनों तक धूम देखने को मिलती है। इस अवसर पर बक्सर में भी कई स्थानों पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जा रही है। इसको लेकर युवक कई दिनों से उत्साह पूर्वक पूजा की तैयारियों में लगे हुए हैं।

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