बदहाल हुआ नंदन गांव में बना बतख प्वाईंट, तीन दर्जन बतख गायब

बक्सर मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत वर्ष 2018 में क्षेत्र के नंदन गांव में मुख्यमंत्री के आगमन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 09:46 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 09:46 PM (IST)
बदहाल हुआ नंदन गांव में बना बतख प्वाईंट, तीन दर्जन बतख गायब
बदहाल हुआ नंदन गांव में बना बतख प्वाईंट, तीन दर्जन बतख गायब

बक्सर : मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत वर्ष 2018 में क्षेत्र के नंदन गांव में मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान बतख प्वाईंट बनाया गया। कुल 3.58 लाख की लागत से तालाब की खुदायी कराई गई और इसके चारों ओर ईंट सोलिग का कार्य कराया गया। मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व गांव के बेरोजगार युवकों को रोजी-रोटी के के लिए पचास बतख देकर पालन करने की जिम्मेदारी दी गई। अब न तो बत्तख हैं और न ही तालाब का अस्तित्व। तालाब में झाड़-जंगल उग आए हैं और नाला का गंदा पानी उसमें बह रहा है। कभी नव निर्मित तालाब में बत्तखों का जलक्रीड़ा आकर्षण का केन्द्र था। आगमन के बाद मुख्यमंत्री ने भी नंदन गांव में सबसे पहले बतख प्वाईंट की स्थिति का जायजा लिया था और इसकी सराहना की थी। कुछ ही माह बाद इस तालाब में छोड़े गए तीन दर्जन ज्यादा बत्तख मर गए। फिलहाल यह तालाब गांव के नालों का पानी बहाने के काम आ रहा है। गांव के काशीनाथ चौधरी, बनारसी चौधरी, सुखारी चौधरी एवं हिटलर चौधरी को दस-दस बतखों के पालन की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन महज एक-डेढ़ साल में ही नव निर्मित तालाब नारकीय बन गया है और तालाब में छोड़े गए सभी बत्तख गायब हो गए। इलाज व देखभाल में हुई कोताही बतखों में रोग का असर मुर्गियों के मुकाबले बहुत ही कम होता है। इन में महज डक फ्लू का प्रकोप ही देखा गया है, जिससे इन को बुखार हो जाता है और ये मरने लगते हैं। बचाव के लिए जब चूजे एक महीने के हो जाएं, तो डक फ्लू वैक्सीन लगवाना जरूरी होता है। इसके अलावा तालाब की नियमित सफाई भी जरूरी हैं। यहां तालाब में बतखों के छोड़े जाने के बाद न तो विभागीय अधिकारियों के द्वारा कोई वैक्सीन व दवा की आवश्यकता महसूस की गई और न ही पालन करने की जिम्मेदारी लेने वालों गांव के इन सभी बेरोजगार ग्रामीणों द्वारा किसी जानकार चिकित्सकों को कोई जानकारी ही दी गई।

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