डस्टबिन कहीं बंटी पूरी, कहीं मिली आधी-अधूरी

शहर में कूड़ा प्रबंधन के लिए घर-घर डस्टबिन बांटने की योजना अभी तक गति नहीं पकड़ सकी है। कुछ वार्डों में तो डस्टबिन बांट दी गयी हैं, लेकिन अधिकांश वार्डों में यह अभी आधे घरों तक भी नहीं पहुंची है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 05:16 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 05:16 PM (IST)
डस्टबिन कहीं बंटी पूरी, कहीं मिली आधी-अधूरी
डस्टबिन कहीं बंटी पूरी, कहीं मिली आधी-अधूरी

बक्सर । शहर में कूड़ा प्रबंधन के लिए घर-घर डस्टबिन बांटने की योजना अभी तक गति नहीं पकड़ सकी है। कुछ वार्डों में तो डस्टबिन बांट दी गयी हैं, लेकिन अधिकांश वार्डों में यह अभी आधे घरों तक भी नहीं पहुंची है। वार्ड 33 में स्थिति यह है कि हो¨ल्डग टैक्स जमा करने वाले घरों में भी डस्टबिन नहीं दी जा सकी है। ऐसे में सूख और गीला कचरा को अलग-अलग करने की योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है।

नगर परिषद क्षेत्र को स्वच्छ और सुंदर बनाने की कवायद के तहत नगर परिषद द्वारा डस्टबिन की खरीदारी मई महीने में ही कर ली गई थी। लेकिन, उसका वितरण अबतक घर-घर में नहीं हो पाया था।

नगर परिषद से मिली जानकारी के अनुसार अभी आधे से भी कम डस्टबिन हाउस होल्डरों के बीच बांटी गयी थी। हालांकि, बारह वार्डो में डस्टबिन का वितरण किया जा चुका है। हालांकि, सूत्र बताते हैं कि इन वार्डो में भी आधे-अधूरे डस्टबिन बांटी गयी। वितरण में एकरूपता को दरकिनार कर पार्षदों द्वारा अपने चहेतों को जो हाउस होल्डर भी नहीं हैं, उन्हें डस्टबिन दी जा रही है। एक डस्टबिन की लागत मूल्य 223 रुपये है।

बताते चलें कि, दोनों रंग के 34 हजार डस्टबिन की खरीदारी की गई है। इनमें 17 हजार नीले और 17 हरे रंग के डस्टबिन की खरीद की गई है। नगर परिषद के आंकड़ों के मुताबिक नगर में कुल 34 वार्डों में 16710 हाउस होल्डर हैं। सभी हाउस होल्डर को एक नीला और एक हरा डस्टबिन देने की रणनीति तय की गई थी। ताकि, गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित हो सके। कार्यपालक पदाधिकारी राजीव कुमार ¨सह ने बताया कि जितने हाउस होल्डर घर हैं, उनको गीला और सूखा कूड़ा एकत्र करने के लिए अलग-अलग कूड़ेदान दिए जा रहे हैं। अभी तक 12 वार्डो में डस्टबिन का वितरण किया जा चुका है। कूड़ा एकत्रित करने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।

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