अतिक्रमण हटने के इंतजार में रुकी विश्राम सरोवर की खोदाई

सरोवर को अतिक्रमण मुक्त कराकर उसका सौंदर्यीकरण किया जाना है जिसके लिए तकरीबन साढ़े 12 लाख रुपये की राशि भी निर्धारित हुई है। लेकिन नगर परिषद के मनमाने रवैये के चलते काम शुरू होने के कुछ समय बाद ही एक बार बक्सर। सरकार के जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत नगर के विश्राम सरोवर को अतिक्रमण मुक्त कराकर उसका सौंदर्यीकरण किया जाना है जिसके लिए तकरीबन साढ़े 12 लाख रुपये की राशि भी निर्धारित हुई है। काम भी शुरू हो गया लेकिन नगी परिषद अभी तक सरोवर के किनारे हुए अतिक्रमण को हटा नहीं सकी है जिससे सरोवर की खोदाई का काम रोक दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Feb 2020 05:46 PM (IST) Updated:Sat, 15 Feb 2020 05:46 PM (IST)
अतिक्रमण हटने के इंतजार में रुकी विश्राम सरोवर की खोदाई
अतिक्रमण हटने के इंतजार में रुकी विश्राम सरोवर की खोदाई

बक्सर। सरकार के जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत नगर के विश्राम सरोवर को अतिक्रमण मुक्त कराकर उसका सौंदर्यीकरण किया जाना है, जिसके लिए तकरीबन साढ़े 12 लाख रुपये की राशि भी निर्धारित हुई है। काम भी शुरू हो गया, लेकिन नगी परिषद अभी तक सरोवर के किनारे हुए अतिक्रमण को हटा नहीं सकी है, जिससे सरोवर की खोदाई का काम रोक दिया गया है।

बताया जा रहा है कि बिना जमीन की मापी किए ही सरोवर के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया। नतीजा यह हुआ कि सरोवर अपने मूल स्वरूप से छोटा हो गया। नतीजतन, 15 दिन काम चलने के बाद पुन: रुक गया और एक सप्ताह से रुका हुआ है। बताया जाता है कि सरोवर के आसपास की जमीन का अतिक्रमण हो चुका है। अतिक्रमणकारियों को नोटिस भी दी गई है, लेकिन वे लोग खुद हटने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इस संबंध में नगर परिषद के कनीय अभियंता संदीप पांडेय ने बताया कि जल-जीवन-हरियाली के अंतर्गत चिन्हित किए गए विश्राम सरोवर को दोबारा खोदाई कार्य शुरू किया गया था। कार्य कुछ हद तक खोदाई हो भी गई है। अब स्थानीय लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को चिन्हित कर पूरे क्षेत्र की मापी की जा रही है। माफी के पश्चात सरोवर को अतिक्रमणमुक्त कर पुन: कार्य शुरू किया जाएगा। जिसके बाद पोखर के किनारे पौधारोपण कर उसका सौंदर्यीकरण किया जाएगा। पोखरे से निकल रहे प्लास्टिक कचरे अभियंता ने बताया कि पोखर में कचरा डंप होने के उसके अंदर से प्लास्टिक कचरा काफी मात्रा में निकल रहा है। जिनके ऊपर पीली मिट्टी डालकर किनारे पौधारोपण के लिए उपयुक्त जमीन बनाई जा रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पौधारोपण नगर परिषद को नहीं बल्कि वन विभाग को करना है। हालांकि, प्लास्टिक कचरे के ऊपर पौधारोपण कैसे होगा, इस सवाल का जवाब नगर परिषद के पास नहीं है।

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