खुश रहना सेहत के साथ दिमाग के लिए भी उपयोगी

खुश रहना सेहत के लिए तो जरूरी है ही यह दिमाग के लिए भी उपयोगी होता है। खुश रहने से दिमाग में नकारात्मक ऊर्जा का संचार कम और सकारात्मक ऊर्जा का संचार ज्यादा होता है। इसलिए हर व्यक्ति के लिए यह जरूरी है कि वह खुश रहे। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर ये बातें क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट अनुराधा कुमारी और मानसिक रोग चिकित्सक डॉ.अमलेश कुमार ने कही। गुरुवार को इस अवसर पर सदर अस्पताल में विशेष शिविर का आयोजन किया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Oct 2019 05:46 PM (IST) Updated:Fri, 11 Oct 2019 06:15 AM (IST)
खुश रहना सेहत के साथ दिमाग के लिए भी उपयोगी
खुश रहना सेहत के साथ दिमाग के लिए भी उपयोगी

बक्सर : खुश रहना सेहत के लिए तो जरूरी है ही यह दिमाग के लिए भी उपयोगी होता है। खुश रहने से दिमाग में नकारात्मक ऊर्जा का संचार कम और सकारात्मक ऊर्जा का संचार ज्यादा होता है। इसलिए हर व्यक्ति के लिए यह जरूरी है कि वह खुश रहे। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर ये बातें क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट अनुराधा कुमारी और मानसिक रोग चिकित्सक डॉ.अमलेश कुमार ने कही। गुरुवार को इस अवसर पर सदर अस्पताल में विशेष शिविर का आयोजन किया गया था।

शिविर का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ.उषा किरण वर्मा और अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.कमल किशोर राय ने किया। इस दौरान अस्पताल में करीब 15 से 20 रोगियों को देखा गया और उन्हें विभिन्न सलाह दी गई। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित इस साल के थीम आत्महत्या की रोकथाम के बारे में भी लोगों को बताया गया और इससे बचने के उपाय बताए गए। क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट अनुराधा ने बताया कि दरअसल लोग एक ही जैसी जिदगी जीते-जीते कई बार बोर होने लगते हैं। ज्यादा वर्क लोड, अधिक सोचने, तनाव लेने और नींद की कमी होने से कई बार उनका दिमाग चिड़चिड़ा होने लगता है। लगातार तनाव में रहने के कारण वे समाज से कटने लग जाते हैं और इस तरह धीरे-धीरे उनके मन में खुद के प्रति विकृति पैदा होने लगती है, वे सोचते हैं दुनिया में रहकर क्या करेंगे, समाज को, उनके परिवार को शायद उनकी जरूरत नहीं है. ऐसी सोच लोगों को आत्महत्या के लिए प्रेरित करती है। लेकिन खुद को खुश रखकर, माहौल को बदलकर, कुछ व्यायाम का अभ्यास कर और पूरी नींद लेकर दिमाग में उपजने वाली इन नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त किया जा सकता है। अनुराधा ने बताया कि शिविर में पहुंचे लोगों को इन्हीं पहलुओं पर जागरूक किया गया और उन्हें जिदगी को जीने के तरीके बताए गए। उन्हें नियमित रूटीन में बदलाव लाने के बारे में बताया गया। ताकि, वे खुशहाल रह सकें और बेहतर जिदगी जी सकें।

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