आरा में तारिषी के ननिहाल में सब गमगीन

भोजपुर । बांग्ला देश की राजधानी ढाका में आतंकी हमले की भेंट चढ़ी तारिषी 5 जुलाई मंगलव

By Edited By: Publish:Mon, 04 Jul 2016 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 04 Jul 2016 03:00 AM (IST)
आरा में तारिषी के ननिहाल में सब गमगीन

-जल्दी आने वाली थी मामा के पास, पिता से हुई थी फोन पर अंतिम बात

-घटना की जानकारी मिलते ही मामा अंशु ढाका के लिए हुए रवाना

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फोटो फाइल 03 आरा 20

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जागरण संवाददाता, आरा : बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शुक्रवार को आइएस आतंकियों के हमले में मारी गई कैलीफोर्निया यूनीवर्सिटी की भारतीय छात्रा तारिषी जैन पांच जुलाई को अपने ननिहाल आरा आने वाली थी। तारिषी की मौत की सूचना मिलने के बाद स्थानीय जेल रोड स्थित उसके ननिहाल में मातमी सन्नाटा पसरा है। ननिहाल में सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।

तारिषी के ननिहाल वालों ने बताया कि कुछ दिन पहले उसने फोन कर 5 जुलाई को आरा आकर उन लोगों से मिलने की बात कही थी, ¨कतु इस घटना की जानकारी मिलने के बाद सारे अरमानों पर पानी फिर गया है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि अगस्त 2015 में जब वह आखिरी बार आरा आई थी, तो ननिहाल के अलावा पड़ोस के लोगों से भी घुल- मिल गई थी। तारिषी की मौत की खबर सुनकर उसके मामा अंशु जैन के घर में पड़ोसियों का तांता लगा हुआ है। हालांकि घटना की जानकारी मिलते ही अंशु जैन ढाका के लिए रवाना हो गए। अन्य सदस्य यूपी में उसके घर फिरोजाबाद के लिए रवाना हो गए।

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पापा, मैं टेररिस्ट की कैद में हूं, पता नहीं क्या करेंगे..

आरा : अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रही तारिषी छुट्टियों में घूमने व रिश्तेदारों से मिलने ढाका गई थी। मौत से कुछ ही देर पहले उसने फोन पर पिता से बात की थी, जो उसे ढाका के रेस्त्रां में उसके दोस्तों के साथ छोड़कर कुछ ही देर पहले लौटे थे। आतंकवादियों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर रेस्त्रां में मौजूद लोगों को बंधक बना लिया। इस दौरान तारिषी ने अपने पापा से मोबाइल से बात की और कहा कि पापा, मैं और मेरे दोस्त टेररिस्ट की कैद में हैं। पता नहीं वे हमारे साथ क्या करेंगे? इतनी बात होने के बाद उसका फोन कट गया और कुछ देर के बाद ही वहां मौत का खेल शुरू हो गया, जिसमें तारिषी की भी हत्या कर दी गई।

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