कुलानुशासक पद से डॉ. शिव परसन मुक्त

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन ने डॉ. शिव परसन सिंह को तत्काल कुलानुशासक पद से मुक्त कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 11:06 PM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 06:19 AM (IST)
कुलानुशासक  पद से डॉ. शिव परसन मुक्त
कुलानुशासक पद से डॉ. शिव परसन मुक्त

आरा। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन ने डॉ. शिव परसन सिंह को तत्काल कुलानुशासक पद से मुक्त कर दिया। उनकी जगह पर डॉ. ललित सागर को कुलानुशासक बनाया गया है। डॉ. ललित सागर एचडी जैन कॉलेज में भूगोल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। डॉ. सागर को कुलानुशासक पद पर शेष अवधि 27 जनवरी 2021 तक के लिए नियुक्त किया गया है। डॉ. शिव परसन सिंह को निर्गत पत्र में कुलानुशासक पद से हटाने का कारण प्रशासनिक दृष्टीकोण बताया गया है। पत्र में कहा गया है कि डॉ. सिंह को स्थानांतरण समिति के अनुमोदन की प्रत्याशा में उन्हें शेरशाह कॉलेज, सासाराम में स्थानांतरित किया जाता है। डॉ. सिंह पहली बार विगत नौ अप्रैल 2017 से विवि में लोक सूचना पदाधिकारी के पद पर नियुक्त हुए थे। उनका पैतृक कॉलेज शेरशाह सासाराम ही है। लेकिन बाद में उनकी प्रतिनियुक्त एचडी जैन कॉलेज, आरा में कर दी गई थी। जबकि शेरशाह कॉलेज में वे दर्शन शास्त्र विभाग में अकेले शिक्षक थे। ऐसी स्थिति में किसी शिक्षक की प्रतिनियुक्ति दूसरे कॉलेज में नहीं की जाती है। फिर भी विवि प्रशासन ने विगत नवंबर में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को अपने पैतृक कॉलेज में जाने का निर्देश जारी किया था। उस समय भी डॉ. सिंह के शेरशाह कॉलेज वापस जाने का सवाल उठा था। लेकिन बाद में विवि प्रशासन ने करीब 27 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति को स्थानांतरण में बदल दिया था। उसमें डॉ. सिंह को भी शेरशाह कॉलेज, सासाराम से एचडी जैन कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया था। लेकिन विवि प्रशासन ने डॉ. सिंह का स्थानांतरण एचडी जैन कॉलेज में नहीं करके शेरशाह कॉलेज, सासाराम कर दिया। सोमवार को इसकी चर्चा विश्वविद्यालय के गलियारे में चर्चा का विषय बना रहा।

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छात्रावास के मामले से जुड़ा है स्थानांतरण : कुलानुशासक डॉ. शिव परसन सिंह को उनके पैतृक कॉलेज में स्थानांतरण को विवि परिसर स्थित नूतन महिला छात्रावास से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि छात्रावास में रह रही छात्रा मंजू कुमारी को लेकर विवाद हो गया है। विवि प्रशासन की मानें तो उसको छात्रावास में कमरा आवंटित नहीं है। जबकि मंजू ने दावा किया है कि वह छात्रावास में विगत अक्तूबर 2019 से रहती है। उसने बजाप्ता छात्रावास आवंटन के लिए 4450 रुपये का चालान भी जमा किया है। उसने कुलानुशासक डॉ. शिव परसन सिंह से बिना कारण बताये छात्रावास से हटाये जाने की शिकायत की थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि श्री सिंह का इस मामले में स्पष्ट नहीं होना उनकी अक्षमता को दर्शाता है।

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फिलहाल मंजू कुमारी छात्रावास में रहेगी

आरा: विवि प्रशासन द्वारा मंजू कुमारी को छात्रावास से निकाले के मामले को अधिक तूल नहीं देने का निश्चय किया गया। इसलिए वह फिलहाल छात्रावास में रहेगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को 12 बजे अपराह्न में कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। जिसमें छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ. केके सिंह, कुलसचिव कर्नल श्यामानंद झा एवं विधि पदाधिकारी कृष्ण कुमार के अलावा अन्य अधिकारी शामिल हुए। कुलसचिव कर्नल झा ने बताया कि मंजु कुमारी अगले आदेश तक छात्रावास में रहेगी। उन्होंने बताया कि इस मामले को नये कुलानुशासक डॉ. ललित सागर को सौंप दिया गया है। वे इस मामले का स्वयं निरीक्षण करके अपना निर्णय विवि प्रशासन को सौपेंगे। उन्होंने इशारों ही इशारे में बताया कि कई लोग विवि के मामलों को सियासी रंग में घोल रहे हैं। लेकिन विवि प्रशासन ने इसको अधिक तूल नहीं देने का निश्चय किया है। बता दें कि विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैया के खिलाफ विगत 20 फरवरी को छात्र संगठन राजद एवं आइसा ने दोपहर 12 बजे विश्वविद्यालय मुख्यालय के सामने उग्र प्रदर्शन किया। इसके कारण विश्वविद्यालय में अपराह्न तीन बजे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा।

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एचडी जैन कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा जासं, आरा: विश्वविद्यालय अंतर्गत एचडी जैन महाविद्यालय में पूर्व प्रोफेसर उमा शंकर पांडेय के निधन को लेकर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. शैलेन्द्र कुमार ओझा ने की। उन्होंने स्वर्गीय पांडेय के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दिवंगत उमाशंकर पाण्डेय के द्वारा महाविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग में किये गये शिक्षण कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। वे रसायन विज्ञान के ज्ञाता थे। उनके निधन से उच्च शिक्षा जगत शोकाकुल है। इस मौके पर दिवंगत पांडेय के लिए दो मिनट का मौन रखा गय़ा। शोक सभा में दिवंगत पाण्डेय की आत्मा के लिए शांति के लिये प्रार्थना की गई। सभा में डॉ. नजीर अख्तर, डॉ. शैलेश कुमार, डॉ. अरविद कुमार, मनीष कुमार, दिनेश्वर प्रसाद, बक्शी विकास समेत कई शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे।

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