भोजपुर में जल्द खुलेगा कृषि इंजीनियरिग कॉलेज

भोजपुर जिले में मेडिकल कॉलेज और एर्गीकल्चर इंजीनियरिग कॉलेज की स्थापना कृषि विभाग की जमीन पर होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 10:38 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 10:38 PM (IST)
भोजपुर में जल्द खुलेगा कृषि इंजीनियरिग कॉलेज
भोजपुर में जल्द खुलेगा कृषि इंजीनियरिग कॉलेज

आरा। भोजपुर जिले में मेडिकल कॉलेज और एर्गीकल्चर इंजीनियरिग कॉलेज की स्थापना कृषि विभाग की जमीन पर होगी। जमीन को चिह्नित करने की प्रक्रिया कृषि विभाग शुरू करेगा। जिले में कहां-कहां कृषि की कितनी भूमि है, उसका अंकेक्षण किया जाएगा। उसमें उपयुक्त भूमि में मेडिकल कॉलेज और एर्गीकल्चर इंजीनियरिग कॉलेज को खोला जाएगा। मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन जमीन के अभाव में अभी तक नहीं खुल पाया है। वहीं एर्गीकल्चर इंजीनियरिग कॉलेज खोलने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। जिसकी स्वीकृति जल्द मिल जाएगी। उपरोक्त बातें सहकारिता एवं गन्ना मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कही। वे महाराजा कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र संघ सम्मेलन में रविवार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का उद्घाटन डुमरांव राज के महाराज चंद्र विजय सिंह, महाराज मान विजय सिंह, पूर्व कुलपति प्रो. दुर्ग विजय सिंह, पूर्व आइएएस उदय कुमार सिंह, प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र कुमार, पूर्व प्राचार्य सुरेंद्र प्रताप सिंह व संघ के महासचिव डॉ.निर्मल कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया। अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कॉलेज के दिनों की स्मृतियों को ताजा किया। उस समय के अनुशासन और पठन-पाठन की गुणवक्ता पर चर्चा की। मौजूदा दौर में कॉलेजों में विद्यार्थियों की अनुपस्थिति पर चिता व्यक्त की। डुमरांव महाराज की दरियादिली की प्रशंसा करते हुए कहा कि 1950 के दशक में डुमरांव महाराजा ने कृषि विभाग के लिए सात सौ एकड़ जमीन दी थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता जय प्रकाश विवि, छपरा के पूर्व कुलपति प्रो. दुर्ग विजय सिंह और संचालन डॉ. निर्मल कुमार सिंह ने किया। इस मौके पर पूर्व प्राचार्य डॉ. गांधीजी राय, पूर्व आइएएस डॉ. उदय कुमार सिंह, प्रो. नीरज कुमार सिंह, पूर्व प्राचार्य प्रो. गांधीजी राय, सीनेटर सुदामा प्रसाद, त्रिवेणी सिंह, वरिष्ठ वकील दीपक कुमार, प्रो. बलराज ठाकुर आदि ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ. मिथिलेश कुमार पांडेय, नवल किशोर सिंह, ओमप्रकाश सिंह, डॉ. कमलाकांत सिंह, अवधेश पांडेय, सुदामा राय, सुशील कुमार सिंह, राम कुमार सिंह, कर्मचारी नेता चितरंजन प्रसाद सिंह, महेंद्र सिंह, डॉ. पंकज कुमार आदि उपस्थित थे।

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वीकेएसयू के कुलपति को लेकर राज्यपाल से मिलेंगे मंत्री

सहकारिता एवं गन्ना मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वीर कुंवर सिंह विवि के महाराजा लॉ कॉलेज व कुलपति को लेकर राज्यपाल सह कुलाधिपति से मिलेंगे। उन्होंने बताया कि विगत 29 दिसंबर को राज्यपाल से मिलने गया था, लेकिन वे उस समय दिल्ली जा रहे थे। इसलिए बातचीत नहीं हो सकी। उन्होंने बहुत जल्द मिलने की जानकारी दी है। महाराजा विधि महाविद्यालय को लेकर कुलपति द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने पर एतराज जताया। उन्होंने कुलपति पर तंज कसते हुए कहा कि महाराजा विधि महाविद्यालय की मान्यता खत्म करना तो सातवें आश्चर्य की तरह है। जिससे हजारों लोग पढ़कर बड़े-बड़े ओहदे पर आसीन हैं। महाराजा चंद्र विजय सिंह ने कहा वीर कुंवर सिंह विवि के कुलपति डुमरांव में आकर विधि महाविद्यालय के संबंध में गलत जानकारी दिए हैं।

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छाया रहा महाराजा विधि महाविद्यालय का मामले

महाराजा कॉलेज पूर्ववर्ती छात्र संघ सम्मेलन में महाराजा विधि महाविद्यालय का मामला छाया रहा। सम्मेलन में तकरीबन सभी वक्ताओं ने महाराजा विधि महाविद्यालय को बंद किये जाने और वीकेएसयू के कुलपति के नजरिये पर चिता व्यक्त की। सभी वक्ताओं ने मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह से मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगायी। प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र कुमार ने कहा कि महाराजा ला कॉलेज को वर्ष 1997 में महाराजा कॉलेज से अलग किया गया था। जिसकी मान्यता बार काउंसिल ऑफ इंडिया से भी है। इसको विवि के सिडिकेट व सीनेट से अनुमोदन किया गया था। जिसको अब विवि प्रशासन मानने से इंकार कर दिया है। कॉलेज के छह शिक्षकों को हटा दिया गया है और कॉलेज के छात्रों को दूसरे कॉलेज से टैग कर दिया गया है। मेडिकल कॉलेज के लिए आठ एकड़ जमीन जरूरी : डॉ. उदय कुमार सिह्र

पूर्व आइएएस डॉ. उदय कुमार सिंह ने कहा कि मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए आठ एकड़ जमीन होनी चाहिए। इससे कम जमीन पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण होने पर संवद्धता नहीं मिलेगी। वे महाराजा कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र संघ सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे। वे अपने प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अनुभवों को शेयर कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गीधा और सकड्डी के 40 एकड़ कृषि भूमि है। सरकार इस जमीन को अधिग्रहण करके मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिग कॉलेज का निर्माण कर सकती है। क्योंकि संस्था की स्थापना के लिए कृषि जमीन को अधिग्रहण किया जा सकता है।

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