भू स्वामित्व प्रमाण पत्र के निष्पादन में तेजी लाएं सीओ

जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने सोमवार को वीडियो काफ्रेंसिग के माध्यम से अंचलाधिकारियों के साथ राजस्व विभाग की समीक्षा की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 11:03 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 11:03 PM (IST)
भू स्वामित्व प्रमाण पत्र के निष्पादन में तेजी लाएं सीओ
भू स्वामित्व प्रमाण पत्र के निष्पादन में तेजी लाएं सीओ

आरा। जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने सोमवार को वीडियो काफ्रेंसिग के माध्यम से अंचलाधिकारियों के साथ राजस्व विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कई आवश्यक दिशा-निर्देश एवं सुझाव दिया। समीक्षा के क्रम में उन्होंने पाया कि आरा सदर अंचल में भू स्वामित्व प्रमाण पत्र के सर्वाधिक मामले लंबित हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी को अविलंब भू स्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गत करने का आदेश जारी किया। वहीं दूसरी ओर उन्होंने जिला लोक शिकायत से जुड़े मामलों की सुनवाई में लगातार तीन बार अनुपस्थित रहने वाले अंचलाधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने की कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों को ऑनलाईन दाखिल-खारिज के निष्पादन के कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। राजस्व विभाग की समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी ने पूछा कि कितने लंबित आवेदन पाए गए एवं उसका निष्पादन प्रतिशत क्या है और अगली बैठक में कितने लंबित आवेदन हैं एवं उसका निष्पादन का प्रतिशत आदि बिन्दुवार ऑनलाईन दाखिल-खारिज के प्रतिवेदन में शामिल करने का निर्देश प्रभारी पदाधिकारी को दिया गया। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि ऑनलाईन भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र में सबसे अधिक 42 मामला आरा सदर में लंबित है। इसे लेकर अंचलाधिकारी ने जानकारी दी कि लंबित आवेदन निर्धारित समय सीमा के अंदर की है। प्रभारी पदाधिकारी राजस्व प्रशाखा को निर्देश दिया गया कि अगली बैठक से अंचलवार प्रतिवेदन तैयार कराएंगे कि कितने मामले ऑनलाईन भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र हेतु प्राप्त हुआ, उसमें से कितने मामले का निष्पादन किया गया एवं कितने मामले लंबित हैं। इसमें से समय सीमा के अंदर कितने मामले लंबित है।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्राय: ऐसी सूचना मिल रही है कि अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी एवं जिलाधिकारी के द्वारा द्वितीय अपील की जो सुनवाई की जाती है, उसमें संबंधित पदाधिकारी अनुपस्थित रहते हैं एवं वैसे किसी कनीय कर्मी को भेज देते हैं, जिनको विषयवस्तु के संबंध में कोई जानकारी नहीं रहती है। इस संबंध में निर्देश दिया गया कि लोक शिकायत की सुनवाई में बिना किसी रिजन के जो पदाधिकारी अनुपस्थित पाये जाएंगे, उनका उस तिथि का वेतन भुगतान स्थगित किया जाएगा एवं तीन बार अनुपस्थित रहने पर संबंधित पदाधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी। इस क्रम में उन्होंने कहा कि जिन सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को चिन्हि्त कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया है, उन संरचनाओं को संबंधित पोर्टल पर इंट्री की प्रगति के संबंध में उप विकास आयुक्त संबंधित पदाधिकारी के साथ समीक्षा करेंगे।

chat bot
आपका साथी