बिना फिटनेस की सड़कों पर दौड़ रहे कई वाहन

By Edited By: Publish:Thu, 21 Aug 2014 10:03 PM (IST) Updated:Thu, 21 Aug 2014 10:03 PM (IST)
बिना फिटनेस की सड़कों पर दौड़ रहे कई वाहन

जागरण संवाददाता,आरा : पर्यावरण व यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़े व्यावसायिक व निजी वाहनों की दुरुस्तगी एवं वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण की जांच हेतु मोटर व्हेकिल एक्ट के तहत जांच कर प्रमाणपत्र देने तथा इस मामले में दोषी पाये गये वाहन मालिकों से जुर्माना वसूल करने का प्रावधान है।

वाहन फिटनेस का मानक :

बड़े व्यावसायिक व निजी वाहनों के फिटनेस की जांच मोटर व्हेकिल एक्ट-192 के तहत की जाती है। इस जांच के तहत मुख्य रूप से स्पार्क प्लग, हेड लाइट बीम, अन्य लाइट्स, रिफ्लेक्टर्स, बल्बस, मिरर, व्यू मीटर, सेफ्टी ग्लास, हार्न, साइलेंसर, विंड्स शिफ्ट विपर, एक्जहौर्स मशीन, ब्रेकिंग सिस्टम, स्टेयरिंग व स्पीडोमीटर आदि की जांच की जाती है।

जांच का समायांतराल :

इस कानून के तहत नये वाहनों का प्रत्येक दो वर्ष में तथा पुराने वाहनों के लिए प्रत्येक वर्ष जांच कराकर प्रमाणपत्र लेना जरूरी होती है। इस कार्य में दोषी पाये जाने पर पांच सौ रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है।

प्रदूषण जांच की व्यवस्था :

वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण की जांच मोटर व्हेकिल एक्ट-190 (3) के तहत की जाती है। इसके तहत वाहन में प्रयुक्त ईधन के अनुपात में निकलने वाले कच्चे धुएं की जांच की जाती है। इस मामले में दोषी पाये जाने वाले वाहन मालिकों से 1000 रुपये से 5000 रुपये तक जुर्माना वसूल किया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी