सृजन घोटाला : कल्याण विभाग बैंकों से राशि वापस लेने के लिए करेगा मनी सूट Bhagalpur News

बैंकों से राशि की वसूली के लिए मनी सूट दायर करने के लिए पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से 2.50 लाख रुपये जिला कल्याण विभाग को आवंटित किया गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Thu, 16 Jan 2020 09:57 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2020 09:57 AM (IST)
सृजन घोटाला : कल्याण विभाग बैंकों से राशि वापस लेने के लिए करेगा मनी सूट Bhagalpur News
सृजन घोटाला : कल्याण विभाग बैंकों से राशि वापस लेने के लिए करेगा मनी सूट Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। कल्याण विभाग ने 241 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की वसूली के लिए संबंधित बैंकों पर मनी शूट दायर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिला कल्याण पदाधिकारी ने डीडीसी के पास फाइल भेजी है। डीडीसी के बाद फाइल डीएम के पास जाएगी। डीएम से आदेश मिलने के बाद मनी सूट करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

केस के लिए 2.50 लाख रुपये मिले

बैंकों से राशि की वसूली के लिए मनी सूट दायर करने के लिए पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से 2.50 लाख रुपये जिला कल्याण विभाग को आवंटित किया गया है। इसके पूर्व मनी सूट के लिए अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति विभाग और पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग विभाग से अनुमति मांगी गई थी। विभाग की ओर से बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक पर नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है, जिसकी सुनवाई चल रही है।

दो तत्कालीन नाजिर पर हो चुका है आरोप पत्र गठित

सृजन घोटाले के मामले में कल्याण कार्यालय के दो तत्कालीन नाजिर पर आरोप पत्र गठित हो चुका है। तत्कालीन प्रधान नाजिर रामप्रवेश पासवान और महेश मंडल के विरुद्ध आरोप पत्र गठित किया है। पासवान भागलपुर कल्याण कार्यालय में 13 सितंबर 2007 से 31 मार्च 2010 तक पदस्थापित थे। उनके कार्यकाल में 12 करोड़ 20 लाख 64 हजार रुपये की अवैध निकासी हुई थी। पासवान 31 जुलाई 2016 को पूर्णिया कल्याण कार्यालय से अवकाश ग्रहण कर चुके हैं। पूर्व नाजिर महेश मंडल की न्यायिक हिरासत में मौत हो चुकी है। उनके कार्यकाल में 218 करोड़ रुपये की अवैध निकासी हुई थी। प्रधान सहायक विजय पोद्दार के कार्यकाल में तीन करोड़ 58 लाख 14 हजार रुपये की अवैध निकासी हुई थी। पोद्दार अगस्त 2007 से जून 2008 तक कल्याण कार्यालय में पदस्थापित थे।

पूर्व कल्याण पदाधिकारी की पत्नी की संपत्ति हो चुकी है जब्त

पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार की पत्नी इंदू गुप्ता की करोड़ों की संपत्ति सीबीआइ जब्त कर चुकी है। इंदू गुप्ता के पटना के बोरिंग रोड स्थित श्रीभगवान अपार्टमेंट के फ्लैट, शास्त्रीनगर की जमीन और बाकरगंज स्थित दुकान को जब्त किया गया है। अरुण के जिला कल्याण पदाधिकारी के पद पर रहते हुए करीब 221 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई थी। इसमें से करीब छह करोड़ रुपये सीधे अरुण की पत्नी इंदू गुप्ता के खाते में सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते से भेजी गई थी। जांच के दौरान सीबीआइ ने घोटाले में अरुण की संदिग्ध भूमिका पाते हुए आरोपी बनाया और जेल भेज दिया है। अरुण कुमार की संपत्ति की जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि उन्होंने अपनी पत्नी इंदू गुप्ता के नाम से भी करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। सीबीआई ने इंदू गुप्ता को भी आरोपी बनाया है। अभी वह भी जेल में है।

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