तिलकामांझी भागलपुर विवि ने रद की तोमर की लॉ डिग्री, गवर्नर को पत्र कल

बिहार के तिलकामांझी भागलपुर विवि के सिंडिकेट ने दिल्ली के पूर्व मंत्री जितेंद्र तोमर की लॉ डिग्री रद करने को स्वीकृति दे दी। अब विवि सोमवार को इस बाबत गवर्नर को पत्र लिखेगा।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 04 Dec 2016 07:18 AM (IST) Updated:Sun, 04 Dec 2016 11:04 PM (IST)
तिलकामांझी भागलपुर विवि ने रद की तोमर की लॉ डिग्री, गवर्नर को पत्र  कल

भागलपुर [जेएनएन]। दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की लॉ की डिग्री रद करने को लेकर अंतिम फैसला हो गया हे। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बैठक में इसे हरी झंडी दे दी गई। अब विश्वविद्यालय प्रबंधन सिंडिकेट की अनुशंसा को राजभवन भेजेगा। इससे पूर्व परीक्षा विभाग व अनुशासन समिति ने डिग्री रद करने की सिफारिश की थी।

कुलपति प्रो. रमा शंकर दुबे की अध्यक्षता में शनिवार को हुई सिंडिकेट की बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से तोमर की डिग्री रद करने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी। सिंडिकेट की स्वीकृति के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन सोमवार को तोमर की डिग्री रद करने से संबंधित कार्रवाई के लिए कुलाधिपति रामनाथ कोविंद को अनुशंसा पत्र भेजेगा। सिंडिकेट की अनुशंसा पर अब कुलाधिपति निर्णय लेंगे।

बिहार : दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की कानून की डिग्री होगी रद

सिंडिकेट ने विश्वनाथ सिंह विधि कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षक व प्रधान कर्मी पर भी मामला दर्ज कराने की भी अनुमति दे दी है। इसके अलावा इस मामले में विश्वविद्यालय के दो दोषी कर्मचारियों को निलंबित करने पर सहमति जताई गई है। इसमें परीक्षा विभाग 'सी' में कार्यरत दिनेश श्रीवास्तव और पेंशन शाखा में कार्यरत निरंजन कुमार शामिल हैं।

साथ ही विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज के पूर्व प्राचार्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह से शोकॉज व कृष्णानंद, जनार्दन प्रसाद यादव पर भी कानूनी कार्रवाई करने, पीजी उर्दू के शिक्षक रजी अहमद को विश्वविद्यालय के कार्यों से अलग रखने व पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजीव रंजन पोद्दार को परीक्षा कार्यों से अलग रखने का निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा सेवानिवृत्त बड़े नारायण सिंह, राजेंद्र प्रसाद सिंह, सदानंद राय, राम अवतार शर्मा, शंभूनाथ सिन्हा, भूदेव प्रसाद सिंह, एचके पांडेय से भविष्य में कभी विश्वविद्यालय में कोई कार्य नहीं लेने की भी अनुशंसा की गई है।

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गौरतलब है कि दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया था कि उन्होंने सत्र 1994-97 के दौरान मुंगेर के विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज से पढ़ाई की थी। लेकिन, मामला पकड़ में आने के बाद पता चला कि तिलकामांझी भागलपुर विवि के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर तोमर को कानून की डिग्री जारी कर दी गई थी। डिग्री लेते समय उन्होंने अवध विश्वविद्यालय व फैजाबाद का अंकपत्र और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी का माइग्रेशन सर्टिफिकेट जमा किया था। जांच के दौरान दोनों विवि ने इन प्रमाण पत्रों की वैधता को खारिज कर दिया था।

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