सृजन घोटाला भागलपुर: फिर सक्रिय हुई CBI, मांगा गया संलिप्त पूर्व बैंक मैनेजर के परिवार से ब्योरा

सृजन घोटाला बिहार का सबसे चर्चित मामला है जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। एक बार फिर सीबीआई ने भागलपुर के एक बैंक मैनेजर के संबंध में उसके परिवार से बैंक डिटेल्स समेत अन्य जानकारी मांगी है। 2017 में इस मामले का खुलासा हुआ था।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 03:40 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 03:40 PM (IST)
सृजन घोटाला भागलपुर: फिर सक्रिय हुई CBI, मांगा गया संलिप्त पूर्व बैंक मैनेजर के परिवार से ब्योरा
सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई भागलपुर में एक बार फिर सक्रिय दिखाई दे रही है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। एक बैंक के पूर्व मैनेजर के संबंध में सीबीआई ने पूरी जानकारी मांगी है। सीबीआई ने पूर्व मैनेजर के बैंक डिटेल और उनके परिजनों के बैंक डिटेल की पूरी जानकारी मांगी है। फिलहाल, उक्त बैंक मैनेजर सृजन घोटाला मामले में जेल में बंद है। इस मामले में सीबीआई एक बार फिर सक्रिय हो गई है।

सीबीआई ने बैंक मैनेजर और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के बैंक डिटेल के साथ अन्य जानकारी भी मांगी है। सीबीआई सृजन घोटाला मामले में लगातार बैंक से जानकारी ले रही है। सृजन घोटाला मामले में जिले के तीन बैंक सीबीआई की जांच के जद में है। सीबीआई लगाता इन बैंकों से सृजन घोटाले के संबंध में जानकारी प्राप्त कर रही है। सीबीआई के अधिकारी कई बार इन बैंकों में जाकर कई लोगों के बैंक डिटेल और पूछताछ कर चुकी है।

इन बैंकों के कई अधिकारी जेल में बंद हैं और उनके विरुद्ध सीबीआई चार्ज शीट भी दाखिल कर चुकी है। जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी भी इन बैंकों को दोषी ठहरा चुकी है और संबंधित विभाग को रुपए वापस करने का आदेश जारी किया है। सृजन घोटाला 2017 में उजागर हुआ है।

बिहार का चर्चित सृजन घोटाला केस

बिहार में सृजन घोटाला केस चर्चित मामलों में से एक है। चार साल से मामले में जांच और कार्रवाई चल रही है। भागलपुर के सबौर में सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की शुरुआत गरीब और असहाय महिलाओं के उत्थान के लिए किए गई थी। लेकिन 14 वर्षों तक ये घोटाले का साधन बना रहा। कई थानों में एफआईआर दर्ज हुईं और बाद में जब जांच बैठी तो एक के बाद एक कई बड़े खुलासे हुए।

इस घोटाले की शुरूआत जिला प्रशासन की नजारत शाखा से हुई जहां 2003 से लेकर 2017 तक नजारत के खजाने से पैसे की अवैध निकासी होती रही। बाद में जिला परिषद, फिर सहरसा, भागलपुर व बांका भू-अर्जन कार्यालय, कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, डूडा आदि के खातों से घोटाला का उजागर हुआ। सृजन मामले में महालेखाकार लेखा परीक्षा दल ने 2007 से 2017 तक का विशेष ऑडिट किया। इसमें 99 करोड़ 88 लाख 69 हजार 830 रुपये के अतिरिक्त गबन का बड़ा खुलासा हुआ।

2017 से लगातार चली कार्रवाई 2017 में सरकारी खातों से करोड़ों के सृजन घोटाले की प्राथमिकी दर्ज होने की शुरुआत हुई। 18 अगस्त 2017 को बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्र सरकार से की। सीबीआई जांच से संबंधित अधिसूचना 21 अगस्त 2017 को जारी की गई। इसके बाद लगातार जांच पर जांच हुई जिसमें तकरीबन 100 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ।

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