मिथिलांचल और सीमांचल के बीच 13 साल बाद फि‍र शुरू होगी रेल सफर, ट्रायल का काम पूरा

मिथिलांचल और सीमांचल के बीच 13 साल बाद फि‍र ट्रेन सेवा शुरू होगी। इसके लिए ट्रायल का काम पूरा हो गया है। 2008 में बाढ़ के कारण यह रूट ध्‍वस्‍त हो गया था। लेकिन अब इस रूट को...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 07 Jan 2022 10:26 AM (IST) Updated:Fri, 07 Jan 2022 10:26 AM (IST)
मिथिलांचल और सीमांचल के बीच 13 साल बाद फि‍र शुरू होगी रेल सफर, ट्रायल का काम पूरा
मिथिलांचल और सीमांचल के बीच 13 साल बाद फि‍र ट्रेन सेवा शुरू होगी।

जागरण संवाददाता, सुपौल। 1934 तक दरभंगा से राघोपुर तक रेलगाड़ी चलती थी, इसी साल आए भूकंप के कारण ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया। 1975 में तत्कालीन रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र ने फारबिसगंज तक रेल सेवा शुरू करवाई। 2008 में कोसी की बाढ़ के कारण ट्रैक ध्वस्त हो जाने के कारण ट्रेनों की आवाजाही रुक गई। इसके बाद पहले राघोपुर तक और उसके बाद कोसी रेल महासेतु के उस पार आसनपुर कुपहा तक ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ। अब पश्चिम में निर्मली तक और पूरब में ललितग्राम तक स्पीड ट्रायल संपन्न हो चुका है। ललितग्राम से आगे फारबिसगंज तक रेल पथ का काम जारी है। ऐसे में लगता है कि जल्द ही मिथिलांचल और सीमांचल काे रेल की दो पटरियां एक करेगी।

चलती थी जानकी और कोसी एक्सप्रेस

1934 तक दरभंगा से राघोपुर तक ट्रेन चलती थी। इस साल जब भूकंप आया और इसके चलते कोसी की बाढ़ आई तो यह रेलखंड क्षत-विक्षत हो गया। ट्रेन का परिचालन बंद हो गया। इसके बाद लंबे अंतराल तक यह इलाका रेल से कटा रहा। तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र द्वारा 1975 में फारबिसगंज तक रेल सेवा चालू करवाई गई। तब जानकी एक्सप्रेस और कोसी एक्सप्रेस जैसी गाड़ियां भी मिथिलांचल और सीमांचल को जोड़ती थी। आमान परिवर्तन को लेकर थरबिटिया से फारविसगंज तक जब मेगा ब्लाक लिया गया 01 नवंबर 2015 को अंतिम बार इस रेलखंड पर रेल की सीटी सुनाई दी। इसके बाद रेल परिचालन बंद कर दिया गया। फिलहाल सहरसा से राघोपुर तक ट्रेन चल रही है।

हो गया स्पीड ट्रायल

ललितग्राम रेलवे स्टेशन भारत के पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र का पैतृक गांव है। 2008 में कोसी नदी में आई प्रलयंकारी बाढ़ में रेलवे ट्रैक ध्वस्त हो गया जिससे सहरसा से फारबिसगंज के बीच ट्रेन सेवा बंद हो गई। इसके कुछ वर्षों बाद आमान परिवर्तन का कार्य शुरू किया गया। कार्य होने के बाद इस रेलखंड पर राघोपुर रेलवे स्टेशन तक ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ। बीते नवंबर में राघोपुर से ललितग्राम तक स्पीड ट्रायल किया गया। अब जल्द ही पूर्व रेल मंत्री के गांव तक रेल दौड़ेगी।

निर्मली तक हुआ सीआरएस निरीक्षण

पूर्व मध्य रेलवे के निर्मली स्टेशन से आसनपुर कुपहा तक सीआरएस निरीक्षण हो गया है, एक सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार स्पीड ट्रायल हुआ। उम्मीद है कि जल्द ही 5.96 किलोमीटर इस लंबी रेल लाइन पर परिचालन शुरू हो जाएगा। उधर निर्मली से परसा बसबाड़ी तक 5.88 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का काम लगभग पूर्ण हो चुका है, रेलवे ने संभावना जताई है कि अप्रैल 2022 में झंझारपुर तक ट्रेन दौड़ेगी।

दरभंगा तक पूर्ण होने को है कार्य

ज्ञातव्य हो कि निर्मली स्टेशन से पश्चिम परसा बसबाड़ी तक 5.88 किलोमीटर लंबी रेल लाइन कार्य पूर्ण होने पर है। जानकारी दी गई कि इसका फरवरी से मार्च तक सीआरएस निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद अप्रैल 2022 से झंझारपुर-सकरी-दरभंगा भी निर्मली स्टेशन से जुड़ जाएगा।

फारबिसगंज तक चल रहा कार्य

दूसरी ओर ललितग्राम से फारबिसगंज तक आमान परिवर्तन सहित अन्य कार्यों की गति को देखते हुए कहा जा सकता है कि जल्द ही सीमांचल और मिथिलांचल के इलाके को रेलवे जोड़ देगा।

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