Acid attack : सुबूत जुटाने के बाद केस का होगा पर्दाफाश, जांच की दिशा बदलने से बढ़ी कई की बेचैनी

19 अप्रैल 2019 को भागलपुर के अलीगंज स्थित एक महोल्‍ले में रहने वाली इंटर की छात्रा पर घर में घुसकर तेजाब फेंक दिया था। छात्रा का इलाज वाराणसी में चल रहा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 06 May 2019 03:02 PM (IST) Updated:Mon, 06 May 2019 04:12 PM (IST)
Acid attack : सुबूत जुटाने के बाद केस का होगा पर्दाफाश, जांच की दिशा बदलने से बढ़ी कई की बेचैनी
Acid attack : सुबूत जुटाने के बाद केस का होगा पर्दाफाश, जांच की दिशा बदलने से बढ़ी कई की बेचैनी

भागलपुर [जेएनएन]। अलीगंज में 19 अप्रैल को छात्रा पर तेजाब हमले की जांच की दिशा बदलने से कई की बेचैनी बढ़ गई है। हालांकि सूत्रों की मानें तो इस मामले में पुलिस जब तक पूरा सुबूत नहीं जुटा लेती, केस का पर्दाफाश नहीं करेगी। बता दें कि पुलिस की जांच पूर्व में छात्रा के पड़ोसी प्रिंस और अलीगंज गंगटी के राजा यादव तक सिमट गई थी। बाद में फोरेंसिक जांच के बाद कई ऐसी बातें सामने आईं जो घटना को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं। हालांकि पुलिस भी उन सवालों को ढूंढने में लगी हुई है। पुलिस ने इस कारण इस मामले में आरोपितों के खून के नमूनों को डीएनए जांच के लिए भेजा है।

अब तक नहीं लौटे दो भागे युवक

वहीं पुलिस के डर से भागे युवक अब तक पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे हैं। जबकि तीन दिन पूर्व इस मामले को लेकर लाल मोहन यादव उर्फ लल्ला यादव खुद ही पुलिस के पास पूछताछ के लिए पहुंच गया था। पुलिस ने उसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया था। उसने कहा था कि जब भी पुलिस को जरूरत होगी तो वह पूछताछ के लिए आ जाएगा।

मोबाइल बरामदगी को लेकर संशय

पुलिस को छात्रा के मोबाइल फोन की बरामदगी को लेकर भी संशय हो गया है। डॉग स्क्वायड की जांच में उस रास्ते में मोबाइल नहीं मिला था। बाद में वह मोबाइल राजा के भाई को मिला। ऐसे में तकनीकी जांच से पुलिस मोबाइल के बारे में पता लगा रही है कि मोबाइल किस समय कहां था।

एसिड के नमूनों की जांच पर कई बातें करेंगी निर्भर

वारदात के दूसरे दिन घटनास्थल पर जांच के लिए इकट्ठा नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद भी कुछ बातें स्पष्ट हो पाएंगी। इसमें इस बात का पता चलेगा कि कितने पावर के तेजाब से छात्रा पर हमला हुआ था। बता दें कि बाद में फारेंसिक टीम ने दोबारा से पीडि़ता और आरोपित के घर की जांच की थी। इसमें छात्रा के घर से एसिड की एक बोतल और प्रिंस के घर से कई बोतल बरामद हुई थी। सभी के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है।

तेजाब हमले में पॉक्सो समेत चार नई धाराएं जोडऩे का आदेश

तेजाब से हमला मामले में एसएसपी आशीष भारती ने जांचकर्ता मिथिलेश कुमार चौधरी को चार नई धाराएं जोडऩे का निर्देश दिया है। चूंकि छात्रा नाबालिग है, इसलिए आठ पॉक्सो एक्ट लगाया जाएगा। इसके साथ ही छेड़छाड़, मोबाइल गायब करने के लिए चोरी और अन्य धाराएं लगाने के लिए कहा है।

जिला प्रशासन ने तेजाब पीडि़ता की मांगी रिपोर्ट

जिला प्रशासन ने अलीगंज निवासी तेजाब पीडि़ता के स्वास्थ्य की रिपोर्ट मांगी है। इस बाबत लोकनायक जयप्रकाश नारायण सदर अस्पताल में पदस्थापित सर्जन डॉ. अभिषेक को पत्र दिया है। जिलाधिकारी प्रणव कुमार का पत्र मिलते ही सदर अस्पताल प्रशासन सक्रिय हो गया है।

अलीगंज की छात्रा को 19 अप्रैल को तेजाब डालकर युवकों ने घायल कर दिया। मायागंज अस्पताल पीडि़ता का इलाज कर उसे बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर किया गया। वाराणसी के समयन अस्पताल में पीडि़ता का इलाज किया जा रहा है। चार मई को जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल के सर्जन डॉ. अभिषेक कुमार को पत्र देकर पीडि़ता के स्वास्थ्य संबंधी प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया है। दिए गए पत्र में कहा गया है पीडि़ता का इलाज वाराणसी के समयन अस्पताल में किया जा रहा है। अस्पताल के प्रबंधन, पीडि़ता और उसके परिवार के लोगों से संपर्क करें। पीडि़ता की स्थिति क्या है उसकी जानकारी दें। जिलाधिकारी का पत्र मिलते ही अस्पताल प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। डॉ. अभिषेक कुमार ने बताया कि तेजाब से घायल पीडि़ता का इलाज सदर अस्पताल में नहीं किया गया है। मायांगज अस्पताल में इलाज किया गया है। वहां से इलाज संबंधी रिपोर्ट ली जाएगी। पीडि़ता का वाराणसी के जिस अस्पताल में इलाज किया जा रहा है वहां संपर्क किया जाएगा। शीघ्र ही पीडि़ता की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी जाएगी।

मदद के नाम पर मिला चेक बैंक ने लौटाया

भागलपुर में एसिड हमले का शिकार हुई बिटिया के पिता की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक ओर बिटिया की दशा तो दूसरी ओर इलाज और महंगी दवाओं के खर्च से बेजार मध्यम वर्गीय परिवार को अब मदद के नाम पर धोखा मिला है। एक स्वयंसेवी संस्था की ओर से दिया गया तीन लाख रुपये का चेक शनिवार को बैंक ने खाते में पैसा न होने का हवाला देते हुए लौटा दिया। इससे सहयोग की आस लगाए पिता को झटका तो लगा ही निराश-हताश भी कर दिया।

परिजन के अनुसार एसिड पीडि़तों के उपचार व उनके पुनर्वास के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्था ने बिटिया के इलाज खर्च के नाम पर 50 लाख 55 हजार 400 रुपये जुटाए। संस्था से जुड़े देश-विदेश के लोगों अपनी क्षमता अनुसार इसमें योगदान दिया था। सहयोग राशि रविवार तक बढ़कर 50 लाख 99 हजार रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है। बहरहाल, अभी तक इन पैसों का परिजनों को लाभ नहीं मिल सका है। एक सप्ताह पहले बेंगलुरु से आए संस्था के प्रतिनिधि मंडल ने बिटिया के पिता से मिलकर उन्हें पहली किस्त के तौर पर तीन लाख रुपये का चेक सौंपा था। रकम क्रेडिट न होने पर एक दिन पहले बैंक ने इसे वापस कर दिया। ऐसे में आर्थिक सहायता की उम्मीद लगाए परिजन को तगड़ा झटका लगा है। पिता ने बताया कि संस्था से मिला तीन लाख रुपये का चेक बैंक ने लौटा दिया है। उम्मीदों पर पानी फिरने से अब इलाज में समस्या खड़ी हो सकती है। परिजन के अनुसार संस्था का फोन भी बंद है। काफी प्रयास के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।

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