कटिहार जिले के पैक्सों में नहीं शुरु हुई धान की खरीदारी, किसान कम दामों पर बेच रहे धान

कटिहार जिले में 90 फीसदी धान की कटनी हो चुकी है। सरकारी दर की बात तो दूर रही जिले के किसान 12 सौ रुपये क्विंटल धान बिचौलिए के हाथ बेचने को विवश है। भंडारण की सुविधा नहीं होने से किसानों की ये हालत है।

By Amrendra TiwariEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 05:58 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 05:58 PM (IST)
कटिहार जिले के पैक्सों में नहीं शुरु हुई धान की खरीदारी, किसान कम दामों पर बेच रहे धान
पैक्सों में धान देने में किसानों को झेलनी पड़ती है बड़ी परेशानी

कटिहार, जेएनएन। सरकार की घोषणा के विपरीत प्रखंड क्षेत्र के पैक्सों में धान की खरीददारी अब तक शुरु नहीं हो पाई है। अब भी किसान व्यापारियों के हाथों कम दामों पर धान बेचने को विवश हैं। बता दें कि प्रखंड क्षेत्र में 90 फीसद किसान धान तैयार कर चुके हैं। रबी की बोआई व गत फसल में लगी लागत चुकाने की विवशता के कारण किसान पैक्स का इंतजार छोड़ व्यापारियों के हाथों धान बेच रहे हैं। स्थिति यह है कि किसानों को 11 से 12 सौ रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से धान बेचना पड़ रहा है। जबकि धान खरीद का सरकारी मूल्य 1800 रुपये प्रति क्विटल है।

क्या कहते हैं किसान

प्रखंड क्षेत्र के किसान पंचलाल मंडल, अजय मंडल, पंकज कुमार मंडल, वकील यादव, बिनोद मंडल, अरङ्क्षवद मंडल व प्रदीप मंडल ने बताया कि किसान धान बेचकर रबी फसल की बुआई करते हैं। किसान व्यापारी के पास औने-पौने दामों पर धान बेचने को मजबूर हैं, जिससे लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। हर साल जब छोटे किसान धान बेच लेते हैं तब सरकार की ओर से धान की खरीददारी शुरू की जाती है। ऐसे में छोटे किसानों को इसका कोई फायदा नहीं होता। सारा लाभ बड़े किसान या बड़े व्यापारी ही उठाते हैं।

क्या कहते हैं बीसीओ

प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि बहुत जल्द पैक्सों में धान खरीद शुरू हो जाएगी। धान खरीददारी को लेकर पैक्सों द्वारा किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को जमीन का लगान रशीद, आधार कार्ड, बैंक पासबुक का फोटो कापी व एक फोटो देना अनिवार्य है। किसान स्वयं भी इसके वेबसाइट कोऑपरेटिव डॉट बीआइएच डॉट एनआइसी डॉट इन पर पंजीकरण करा सकते हैं। प्रत्येक पैक्स ढाई हजार क्विटल एवं व्यापार मंडल पांच हजार क्विटल तक धान की खरीददारी कर सकता है। किसी कारण जिन पैक्सों को धान अधिप्राप्ति का अधिभार नहीं मिला है, वहां के किसान निकटवर्ती पैक्स में धान की बिक्री कर सकते हैं ।

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