टीएमबीयू के कालेजों में मनमाने तरीके से एनपीएस कटौती... विवि अंशदान से भी वंचित हो रहे हैं शिक्षक
टीएमबीयू के कालेजों में मनमाने तरीके से एनपीएस कटौती से शिक्षक परेशान हैं। इस कारण ऐसे असिस्टेंट प्रोफेसर जिन्हें इसका लाभ मिलना है उन्हें हर साल लाखों का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसको लेकर नव नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों ने मोर्चा खोल दिया है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के मामले में मनमाने तरीके से कटौती हो रही है। इसमें विवि प्रशासनिक भवन, पीजी विभागों और कालेजों में एनपीएस के लिए तय नियमों का पालन नहीं हो रहा है। इस कारण ऐसे असिस्टेंट प्रोफेसर जिन्हें इसका लाभ मिलना है, उन्हें हर साल लाखों का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसको लेकर नव नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों ने मोर्चा खोल दिया है। एसएम कालेज के मनोविज्ञान विभाग के शिक्षक डा. मिथिलेश तिवारी ने इस संबंध में टीएमबीयू कुलसचिव को शिकायत पत्र सौंपा है।
डा. तिवारी ने आरोप लगाया है कि एनपीएस के मामले में सभी संस्थान मनमाने तरीके से कटौती की प्रक्रिया अपना रहे हैं। विश्वविद्यालय से निर्देश के बाद भी एक कालेज एनपीएस मद में कटौती तो कर रहा, किंतु वहां शिक्षकों का अंशदान तो जा रहा लेकिन विश्वविद्यालय अपना अंशदान नहीं दे रही है। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में एनपीएस खाते में कर्मियों के अंशदान की कटौती की जा रही है। इसके साथ उनकी कटौती के साथ विश्वविद्यालय भी अपना अंशदान खाते में जमा कर रही है। डा. तिवारी ने कुलसचिव से अनुरोध किया है कि इस मामले में सभी जगह एकरूपता लाने का निर्देश जारी किया जाए।
शिकायत पत्र में डा. तिवारी ने कहा है कि अब एनपीएस के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ज्यादातर जगह शिक्षकों की वेतन कटौती एनपीएस मद में नहीं की गई है। ऐसे में रजिस्ट्रेशन के पश्चात शिक्षकों को एनपीएस अंशदान के लिए आर्थिक बोझ पडऩे वाला है। उन्होंने विवि से अनुरोध किया है कि शिक्षकों को एक साथ अंशदान के लिए आर्थिक बोझ ना पड़े। इसके लिए विवि स्तर से निर्णय लिया जाए। शिक्षकों के मामले में निर्देश जारी करने का उन्होंने अनुरोध किया है कि किस तरह अंशदान काटा जाएगा।
एनपीएस मद में अंशदान काटने को लेकर पहले भी निर्देश दिया गया है। दोबारा से निर्देश भेजा जाएगा। कालेज एनपीएस कटौती को अनिवार्य समझे। विवि के अंशदान संबंधी कार्रवाई भी जल्द पूरी कराई जाएगी।
- डा. निरंजन प्रसाद यादव, कुलसचिव टीएमबीयू