जहां गरजती थीं बंदूकें वहां अब लगने लगे कल-कारखाने, इस तरह बदल रहीं बिहार के केलांचल की तस्‍वीरें

जहां कभी बंदूकें गरजती थीं वहां अब रोजगार पर बात हो रही है। कल-कारखाने की स्‍थापना पर बहस चल रही है। ये बदलाव इन दिनों केलांचल में दिख रही है। पूर्णिया के केलांचल में कई कल-कारखानों की स्‍थापना का रास्‍ता साफ हो गया है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 06:51 AM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 06:51 AM (IST)
जहां गरजती थीं बंदूकें वहां अब लगने लगे कल-कारखाने, इस तरह बदल रहीं बिहार के केलांचल की तस्‍वीरें
पूर्णिया के केलांचल में लगातार हो रहा विकास। सांकेतिक तस्‍वीर।

जासं, पूर्णिया। यह इलाका कभी कुख्यात व नक्सली से जुड़ाव रखने वाला गोनर शर्मा के आतंक से कराह रहा था। फिलहाल केलांचल के रुप में पहचान रखने वाला धमदाहा अनुमंडल को गोनर शर्मा के अंत से भी कोई राहत नहीं मिली थी। जातीय संघर्ष में गठित फैजान व लिबरेशन आर्मी के खूनी संघर्ष ने इस इलाके को अपराध का पर्याय बना दिया था। दिनदहाड़े खून की होली खेली जाती थी और लोगों के लिए दिन में भी घर से निकलना मुश्किल होता था। इन दोनों गिरोहों के अलावा आधा दर्जन से अधिक ऐसे गिरोह भी थे, जिसका कहर इस इलाके के लिए जहर बन चुका था। अब स्याह अतीत की बेडिय़ों को तोड़ यह क्षेत्र विकास के लिहाज से नित्य नया डग भर रहा है।

लगने वाली है इथनाल की दो इकाई, कृषि विकास को मिलेगा आयाम

भले ही दो दशक पूर्व तक अपराध के लिए यह क्षेत्र चर्चित रहा हो, लेकिन उन्नत किसानी में भी इसकी अलग पहचान रही है। केले की बृहत पैमाने पर खेती के चलते अनुमंडल के धमदाहा, रुपौली, भवानीपुर व बी कोठी प्रखंड क्षेत्र को सम्मिलित रुप से केलांचल के नाम से अब भी पुकारा जाता है। यद्यपि अब केले का रकवा विविध कारणों से घट चुका है, लेकिन पहचान अब भी केलांचल के रुप में है। वर्तमान में यह क्षेत्र मक्का के बेहतर उत्पादन को लेकर अपनी अलग पहचान बना रहा है। कृषि आधारित उद्योग की मांग इस क्षेत्र में लंबे समय से होती रही है। खासकर बनमनखी चीनी मिल के बंद होने के बाद इसकी जरुरत यहां बढ़ भी गई है। इसी बीच अनुमंडल क्षेत्र के धमदाहा व मीरगंज में दो इथनाल इकाई की स्थापना की स्वीकृति से किसानों में नई उम्मीद जगी है। इन दोनों इकाइयों के लगने से इस क्षेत्र के विकास को नया आयाम मिलना तय माना जा रहा है।

70 किलोमीटर एसएच के एन एच में परिवर्तन की शुरु हुई कवायद, जगी नई उम्मीद

बता दें पूर्णिया के वनभाग से मीरगंज, धमदाहा, रुपौली, टीकापट्टी होते हुए कटिहार जिले के कुर्सेला तक जाने वाली 70 किलोमीटर एस एच को एन एच में परिवर्तित करने की मांग यहां लंबे समय से उठती रही है। हाल में धमदाहा की विधायक सह बिहार सरकार की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्ष विभाग की मंत्री लेसी ङ्क्षसह द्वारा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर यह मांग रखी गई है। बतौर मंत्री लेसी ङ्क्षसह ने बातचीत सकारात्मक रहने की बात कही है। साथ ही निकट भविष्य में इस मांग को अमली जामा पहनाने का भरोसा भी उन्हें मिला है। अगर यह जमीन पर उतरता है तो निश्चित रुप से धमदाहा अनुमंडल क्षेत्र के विकास को न केवल एक नई उंचाई मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्र एक नया इतिहास भी गढ़ेगा।

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