सुलहनामे पर सख्त नगर आयुक्त, आज ओएस से मांगेंगे जवाब

भागलपुर। नगर निगम ने अपनी मनमानी की हद पार कर दी। कभी किसी को आरोपी बना रही है तो कभी क्लीन चीट देकर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Jun 2018 05:31 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jun 2018 05:31 PM (IST)
सुलहनामे पर सख्त नगर आयुक्त, आज ओएस से मांगेंगे जवाब
सुलहनामे पर सख्त नगर आयुक्त, आज ओएस से मांगेंगे जवाब

भागलपुर। नगर निगम ने अपनी मनमानी की हद पार कर दी। कभी किसी को आरोपी बना रही है तो कभी क्लीन चीट देकर पल्ला झाड़ लेती है। चार अप्रैल को नगर निगम कार्यालय परिसर में तोड़फोड़ और हंगामा करने में जिसे आरोपी बनाया गया, उसे निर्देश नगर निगम ही साबित कर दिया है। नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा पर हाथ चलाने वाले पार्षद संध्या गुप्ता के पति विनय गुप्ता के साथ स्थायी समिति सदस्य संजय कुमार सिन्हा व पार्षद प्रमोद कुमार लाल पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस एफआइआर को तैयार करने में छह घंटे लगे थे। इस मामले में अब नया मोड़ ले लिया है। पार्षद संजय व प्रमोद के मामले में नगर निगम के कार्यालय अधीक्षक मनोज कृष्ण सहाय ने कर्मचारियों के साथ बातचीत के आधार पर समझौता नामा पर हस्ताक्षर कर दिया था। इन दोनों पार्षदों को भूलवश हंगामे में शामिल करने की बात से पलट गए है और कार्यालय ने दर्ज मुकदमे को उठाने की बात कही है। नगर आयुक्त ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। निगम प्रशासन ने इसको लेकर कर्मचारियों को फटकार लगाई है। कर्मचारी पर नगर आयुक्त सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है। सख्त रुख से निगम कर्मियों एवं पार्षदों के बीच खलबली मच गई है। पटना में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा से बातचीत करने के बाद मामला तूल पकड़ लिया है।

हालंाकि नगर आयुक्त ने कहा है कि नगर निगम एक संस्था है, किसी की व्यक्तिगत बात नहीं है जो इस मामले में समझौता हो जाएगा। सोमवार को कार्यालय अधीक्षक को बुलाया गया है। बातचीत कर उनके साथ क्या मजबूरी थी जो उन्होंने सुलहनामे पर हस्ताक्षर कर दिया। यह भी उनसे पूछा जाएगा। वह बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं, फिर कैसे यह सब हुआ, समझना पड़ेगा। वहीं पार्षद संजय सिन्हा का कहना है कि हम तो विकास कार्य से पटना गए थे।

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