विद्युत शवदाह गृह चालू रहता तो दाह संस्कार में नहीं होती परेशानी

शहर में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। बरारी श्मशान घाट पर भी संक्रमण वाले शवों के दाह संस्कार में आर्थिक शोषण कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 09:08 PM (IST) Updated:Wed, 15 Jul 2020 06:10 AM (IST)
विद्युत शवदाह गृह चालू रहता तो दाह संस्कार में नहीं होती परेशानी
विद्युत शवदाह गृह चालू रहता तो दाह संस्कार में नहीं होती परेशानी

भागलपुर। शहर में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। बरारी श्मशान घाट पर भी संक्रमण वाले शवों के दाह संस्कार में आर्थिक शोषण कर रहे हैं। शवदाह गृह चालू रहता तो आमजनों को शव जलाने के लिए जद्दोजहद नहीं करना पड़ता। संसाधन रहते जनता शवदाह गृह की सुविधा नहीं मिल पा रही है। जून के अंतिम सप्ताह में ही 2.35 करोड़ रुपये की लागत से बरारी श्मशान घाट पर बुडको ने विद्युत शवदाह गृह का निर्माण कार्य पूरा कर दिया है। जुलाई के पहले सप्ताह में कंपनी ने फर्निश का ट्रायल कर निगम के उपनगर आयुक्त व बुडको के कार्यपालक अभियंता को दिखाया। इसके बाद भी सेवा शुरू नहीं की गई। लोगों की इस परेशानी पर भी निगम प्रशासन ने अपनी चुप्पी साध रखी है। शवदाह गृह के संचालन के लिए तीन पुराने कर्मियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। उपनगर आयुक्त के नेतृत्व में सभी कर्मियों ने फर्निश का ट्रायल किया। इसके संचालन की भी कमी को पूरा कर लिया गया है। इसके बाद भी निगम प्रशासन व मेयर के बीच उद्घाटन का मामला उलझ गया है। पहले होगी जांच, तब होगा उद्घाटन : मेयर

शवदाह गृह की सुविधा से लावारिश व संक्रमित के साथ-साथ अन्य शवों के दाह संस्कार में परेशानी नहीं होती। लेकिन, शहरवासी को सुविधा उपलब्ध कराने के बजाय उद्घाटन को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। मेयर सीमा साहा ने अब उद्घाटन के बदले शवदाह गृह निर्माण के जांच की मांग कर ली है। नगर विकास विभाग से निर्माण कार्य की मांग की गई है। मेयर ने कहा कि प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं हुआ है। बुडको कार्यपालक अभियंता से प्राक्कलन मांगा गया था, लेकिन उपलब्ध नहीं कराया। लोगों को सुविधा मिले, इसके लिए उद्घाटन करने में कोई परेशानी नहीं है। आधुनिक संसाधन से लैस है शवदाह गृह

विद्युत शवदाह गृह स्क्रबर टेक्नोलॉजी से लैस है। जो शव जलने के दौरान निकलने वाली खतरनाक गैस और बॉडी के बर्न पार्टिकल को सोख लेता। शव का डस्ट पार्टिकल पानी के टैंक में जमा होगा। जिससे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए रिप्रेंटिव संयंत्र लगाया गया है। शव जलाने के दौरान काले रंग के धुएं को सफेद रंग में बदल देता है।

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कोट ..

मेयर व डिप्टी मेयर से पूछकर तिथि निर्धारित कर देंगे। नगर आयुक्त समेत हम भी होम क्वारंटाइन में हैं। शवदाह गृह का ट्रायल हो गया है। शीघ्र ही चालू किया जाएगा। आम लोगों से अगर मनमाना राशि की मांग श्मशान घाट पर की जाती है उसका वीडियो बनाकर दें, वैसे लोगों पर प्रशासन सख्त कानूनी कार्रवाई करेगा।

सत्येंद्र वर्मा, उपनगर आयुक्त

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कोट..

शवदाह गृह का ट्रायल कर निगम को इसकी चाबी सौंप दी गई है। अब निगम प्रशासन जब चाहे सुविधा शुरू कर सकता है। लिखित रूप से हैंडओवर भी कर देंगे।

-राजेश कुमार, कार्यपालक अभियंता, बुडको

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