स्टेट डेस्क : माइक्रो कंटेंमेंट जोन से कोरोना पॉजिटिव महिला स्वजनों के साथ फरार

भागलपुर। शहरी क्षेत्र में माइक्रो कंटेनमेंट जोन की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। ि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 04:58 AM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 04:58 AM (IST)
स्टेट डेस्क : माइक्रो कंटेंमेंट जोन से कोरोना पॉजिटिव महिला स्वजनों के साथ फरार
स्टेट डेस्क : माइक्रो कंटेंमेंट जोन से कोरोना पॉजिटिव महिला स्वजनों के साथ फरार

भागलपुर। शहरी क्षेत्र में माइक्रो कंटेनमेंट जोन की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। बिना रोकटोक के लोगों का आवागमन जारी है और कोविड नियमों की सरेआम अनदेखी की जा रही है। इसी का नतीजा है कि संक्रमित परिवार होम क्वारंटाइन की बजाय खुलेआम शहर में भ्रमण कर रहे हैं। इसका दुष्प्रभाव भी भी सामने आया। बरारी स्थित शीतला स्थान के पास माइक्रो कंटेंमेंट जोन से एक संक्रमित महिला अपने पूरे स्वजनों के साथ रातोंरात फरार हो गई।

दरअसल, 27 मार्च को महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी, जिसके बाद 30 मार्च को उसे अपने ही घर में होम क्वारंटाइन कर दिया गया था। बुधवार देर रात महिला अपने पूरे परिवार के साथ फरार हो गई। पड़ोसियों का आरोप है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण मरीज भाग गए। इतने दिनों में कोई भी टीम मरीज के फॉलोअप के लिए नहीं पहुंची। ना तो समय पर जांच के लिए ही आई। कंटेनमेंट जोन में मरीजों की देखरेख और दवा की व्यवस्था की जाती है। समय-समय पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम रेगुलर चेकअप के लिए भी पहुंचती है। वार्ड 29 कर पार्षद खुशबू देवी ने बताया कि संक्रमित के फरार से कई लोग प्रभावित हो सकते हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने से ऐसी घटना घटी है। इसके लिए जिला प्रशासन को कारगर योजना तैयार करना होगा।

होम क्वारंटाइन की निगरानी नहीं

एक 48 साल की महिला की तबीयत 27 मार्च को बिगड़ी थी। 21 मार्च को वह अपनी बेटी को बिहार पुलिस की परीक्षा दिलाने के लिए कटिहार गई थी। वहां से आने के बाद उसके गले में दर्द शुरू हो गया था। खुद से दवा लेने के बाद भी जब उसकी तबीयत नहीं सुधरी तो 27 मार्च को सदर अस्पताल में चेकअप कराया, जहां उसे पॉजिटिव पाया गया था। अस्पताल ने 30 मार्च को उसे होम क्वारंटाइन कर दिया था।

व्यवस्था की नाकामी से बढ़ी परेशानी

कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर बिहार सरकार अलर्ट मोड पर है। जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को कोरोना संक्रमितों के उचित इलाज और चेकअप की जिम्मेदारी दी गई है। समय-समय पर होम क्वारंटीन मरीजों की जांच की भी व्यवस्था है, लेकिन भागलपुर का यह केस प्रशासन की पोल खोल रहा है। शीतला स्थान के लोगों ने बताया कि महिला को क्वारंटीन किए जाने के बाद कोई चेकअप या फिर दवा देने के लिए नहीं पहुंचा। मोहल्ले में कोरोना पॉजिटिव मरीज के होने से हड़कंप मच गया था। लेकिन, प्रशासन की टीम एक भी बार मरीज को देखने नहीं पहुंची।

घरों में कई लोगों का आनाजाना

महिला सिलाई का कार्य करती थी। जिसके कारण कई लोगों का आवागमन होता था। इससे मोहल्ले के लोगो को संक्रमित होने का भय बना हुआ है। ऐसे में संक्रमण का चेन कहां तक फैला है। डर से कोई अपने तबीयत खराब होने की बात भी नहीं बता रहा है। संक्रमित महिला के पड़ोसियों ने बताया कि एक ही कमरे में महिला और उसके बच्चे रहते थे। अब रातोंरात घर से फरार होने पर यह भी डर है कि वे किस गाड़ी से गए और कितने लोगों को संक्रमण फैला है।

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