ग्लोकल हॉस्पिटल के कंपाउंडर की शर्मनाक करतूत, पति था आइसीयू में, पत्नी से कर दी छेड़खानी
ग्लोकल हॉस्पिटल के आइसीयू में जिंदगी और मौत से जूझ रहे एक मरीज की पत्नी के साथ वहां के एक कंपाउंडर ने छेड़खानी कर दी।
भागलपुर । ग्लोकल हॉस्पिटल के आइसीयू में जिंदगी और मौत से जूझ रहे एक मरीज की पत्नी के साथ वहां के एक कंपाउंडर ने छेड़खानी कर दी। पीड़ित महिला रोशन रुचि ने हॉस्पिटल के कंपाउंडर ज्योति कुमार की शर्मनाक करतूत की शिकायत की तो अस्पताल प्रबंधन ने उसके पति को जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया। दो दिनों तक महिला मेडिकल अस्पताल में पति को लेकर रही, लेकिन वहां किसी ने सुध नहीं ली। हालत गंभीर देख महिला पति को एंबुलेंस से लेकर पटना के एक निजी अस्पताल पहुंची जहां पति ने दम तोड़ दिया।
दरअसल, महिला रूचि रोशन के पति रोशन चंद्र दास नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। महिला का मायका भागलपुर में ही है। होली में सभी लोग भागलपुर आए थे। नौ अप्रैल को पति रोशन की तबीयत खराब हो गई। महिला ने कोरोना जांच कराई। रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद सिटी स्कैन में फेफड़े में संक्रमण निकला। इसके बाद महिला ने पति को ग्लोकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया।
------------------------
पत्नी लगाती रही पति को बचाने की गुहार, कंपाउंडर करता रहा अश्लील हरकत
रूचि ने बताया कि ग्लोकल हॉस्पिटल में पति के बेड के बगल में मां भी भर्ती थी। अस्पताल की ओर से मनमाना पीस भी लिया जा रहा था। इसके बाद भी पति की देखरेख सही तरीके से नहीं हो रही थी। आइसीयू में पति को पानी देने वाला भी कोई नहीं था। तबीयत अधिक बिगड़ जाने के कारण पति बोल नहीं पा रहे थे। कुछ जरूरत होती थी तो मोबाइल पर मिस कॉल मारते थे। जिसके बाद मैं आइसीयू जाकर पति को पानी पिलाती थी। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के पूर्व जब वह आइसीयू में पति के पास बैठी हुई थी तो कंपाउंडर ने मेरा दुपट्टा खींच लिया और अश्लील हरकत करने लगा। जब इसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की गई तो कर्मी पर कार्रवाई करने के बजाए मेरे पति को जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया गया।
------------------------
रेमडीसिविर का आधा वायल गिराने पर पूछा तो अस्पताल कर्मियों ने लगाई डांट
कोरोना काल में रेमडीसिविर के इंजेक्शन को लेकर मारामारी चल रही है। इस दवा के लिए लोग मेडिकल स्टोर के चक्कर काट रहे हैं और किसी भी कीमत पर रेमडीसिविर का इंजेक्शन खरीदने को तैयार हैं। महिला के पति को भी इंजेक्शन लगना था। महिला ने किसी तरह इंजेक्शन का एक वाइल उपलब्ध कराया। कंपाउंडर ने इंजेक्शन का आधा वाइल जमीन पर गिरा दिया। इस पर जब महिला ने पूछा तो अस्पतालकर्मियों ने उसे डांट फटकार लगा दी।
------------------------
जेएलएनएमसीएच में भी नहीं मिली व्यवस्था
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हालत गंभीर होने पर ग्लोकल हॉस्पिटल प्रबंधन ने उसे जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया। यहां आइसीयू में उन्हें भर्ती किया गया। दो दिनों तक कोई सुधार नहीं होने पर परिवारवालों ने चिकित्सक से गुहार लगाई। पर उनकी पीड़ा किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद महिला पति को लेकर एंबुलेंस से पटना के निजी अस्पताल पहुंची। वहां ऑक्सीजन की कमी और उचित इलाज नहीं हो पाने के कारण पति ने दम तोड़ दिया।
------------------------
कोट
इस तरह की घटना के बारे में जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी पर कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित पक्ष इसकी लिखित शिकायत भी करें।
- डॉ उमेश शर्मा, सिविल सर्जन।