corona effect : कोलकाता तय करेगा सराफा बाजार का भविष्य, कारीगर चले गए बंगाल

भागलपुर के सराफा बाजार का कारोबार पश्चिम बंगाल (कोलकाता) पर निर्भर है। यहां के स्वर्ण व्यवसायी 70 फीसद कारोबार कोलकाता से करते हैं। लॉकडाउन में सभी घर चले गए।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 11 May 2020 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 11 May 2020 08:00 AM (IST)
corona effect : कोलकाता तय करेगा सराफा बाजार का भविष्य, कारीगर चले गए बंगाल
corona effect : कोलकाता तय करेगा सराफा बाजार का भविष्य, कारीगर चले गए बंगाल

भागलपुर [रजनीश]। लॉकडाउन में सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों और उद्यमियों को हो रहा है। इससे सराफा बाजार भी अछूता नहीं है। भागलपुर के सराफा बाजार का कारोबार पश्चिम बंगाल (कोलकाता) पर निर्भर है। यहां के स्वर्ण व्यवसायी 70 फीसद कारोबार कोलकाता से करते हैं। वहीं, कुछ कारोबार आगरा से भी होता है।

स्वर्ण कारोबारियों की परेशानी बढ़ गई है

भागलपुर सोना पट्टी में 250 से ज्यादा दुकानें हैं, जबकि एक दर्जन के आसपास ब्रांडेड शोरूम हैं। यहां के कारखानों में आभूषणों की डिजाइन भी की जाती है। कारखाना में ज्यादातर कारीगर पश्चिम बंगाल के हैं। लॉकडाउन के बाद सभी कारीगर अपने-अपने घर चल गए हैं। अब इसमें से ज्यादातर लौटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में स्वर्ण कारोबारियों की परेशानी बढ़ गई है।

कोरोबारियों की मदद की जाएगी

कारोबारियों ने कारीगरों को पारिश्रमिक का भुगतान भी कर दिया है। उन्हें हर संभव मदद भी दिए जा रहे हैं। इसके बाद भी कारीगर भागलपुर आने में आनाकानी कर रहे हैं। इधर, शहर का सर्राफा मार्केट असुरक्षित है। यहां लॉकडाउन से पहले तक दिन और रात दो शिफ्टों में निजी गार्ड तैनात रहते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद ज्यादातर गार्ड घर चले गए हैं। अभी एक से दो गार्ड रात्रि ड्यूटी कर रहे हैं।

झारखंड से भी यहां पहुंचते हैं व्यापारी

मुंगेर, बांका, खगडिय़ा के अलावा साहिबगंज और गोड्डा तक के व्यापारी खरीदारी के लिए भागलपुर सराफा बाजार पहुंचते हैं। स्वर्ण व्यवसायियों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद कारोबार को रफ्तार पकडऩे में लंबा समय लगेगा। नवंबर में मांगलिक कार्य शुरू होगा, ऐसे में परेशानी और बढ़ जाएगी। मध्यम वर्गीय खरीदारों की संख्या में कमी आएगी।

लॉकडाउन में 250 सौ से ज्यादा दुकानें बंद हैं

लॉकडाउन ने सर्राफा बाजार को पूरी तरह प्रभावित किया है। 250 सौ से ज्यादा दुकानें बंद हैं। करोड़ों का कारोबार ठप है। इसकी भरपाई में कई महीने लग जाएंगे, फिर भी संभव नहीं है। ज्यादातर कारोबार कोलकाता से होता है। वहां के कारीगर ही यहां कारखाना में काम करते हैं। -अनिल कड़ेल, उप सचिव जिला स्वर्णकार संघ।

मुख्य बातें

यहां के कारखाना में सैकड़ों कारीगर करते हैं काम

लॉकडाउन के बाद सभी चले गए बंगाल, लौटने को नहीं हैं तैयार

-70 फीसद भागलपुर का कारोबार होता है पश्चिम बंगाल से।

-250 सराफा की दुकानें हैं भागलपुर शहर में।

-150 कारीगर पश्चिम बंगाल के हैं यहां के कारखाना में।

-10 से ज्यादा सोना-चांदी की ब्रांडेड शोरूम है शहर में।

-15 करोड़ के आसपास हर दिन जिले में होता है कारोबार।

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