कोच में पानी समाप्त होते ही बजने लगेगा सेंसर

रेलवे अब ट्रेन की कोचों में लगे पानी टंकी को और बेहतर बनाने की तैयारी में जुट गया है। आने वाले दिनों में कोच में पानी समाप्त होने पर सेंसर बजने लगेगा। इसके बाद अगले स्टेशन पर कोच में पानी भर दिया जाएगा। इससे रेलवे के साथ-साथ यात्रियों को भी सहूलियत होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Jan 2020 03:11 PM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 03:11 PM (IST)
कोच में पानी समाप्त होते ही बजने लगेगा सेंसर
कोच में पानी समाप्त होते ही बजने लगेगा सेंसर

भागलपुर। रेलवे अब ट्रेन की कोचों में लगे पानी टंकी को और बेहतर बनाने की तैयारी में जुट गया है। आने वाले दिनों में कोच में पानी समाप्त होने पर सेंसर बजने लगेगा। इसके बाद अगले स्टेशन पर कोच में पानी भर दिया जाएगा। इससे रेलवे के साथ-साथ यात्रियों को भी सहूलियत होगी।

सेंसर लगाने की कवायद देश के दूसरे रेल मंडलों में शुरू कर दी गई है। पूर्व रेलवे भी इसे जल्द अपनाएगा। दरअसल, अभी स्टेशनों पर मैनूअल तरीके से पानी की आपूर्ति होती है। किसी भी ट्रेन में पानी खत्म होने पर अगले स्टेशन को सूचना दी जाती थी, लेकिन सेंसर लगने से चलती ट्रेन में पता चल जाएगा कि संबंधित ट्रेन में पानी समाप्त होने वाली है। इसके बाद ट्रेन के गार्ड या ट्रेन अधीक्षक अगले स्टेशन को फोन से सूचना दे देंगे।

--------------------

400 से 500 लीटर की होती है टंकी

ट्रेन कोच में 400 और 500 लीटर की क्षमता वाली टंकी लगी होती है। जनरल क्लास में यात्रियों की संख्या सीटों से दोगुनी होती है। इस कारण पानी की खपत ज्यादा रहती है। पानी समाप्त होने के बाद यात्रियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

---------------------

एक दर्जन पैसेंजर में पानी टंकी नहीं

भागलपुर-साहिबगंज-किऊल-बांका और दुमका सेक्शन पर चलने वाली एक दर्जन पैसेंजर ट्रेनों में से कुछ गाड़ियों में ही पानी टंकी है, जिन ट्रेनों में टंकी नहीं उसमें सफर करने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

chat bot
आपका साथी