भागलपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था: डाक्टरों के स्वीकृत पद 322, आधे कार्यरत, नहीं हैं इएनटी, चर्म रोग और रेडियोलाजिष्ट

भागलपुर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था किस तरह है। इसकी बानगी डाक्टरों की खाली पड़ी कुर्सियों से देखी जा सकती है। इएनटी चर्म रोग और रेडियोलाजिष्ट हैं ही नहीं तो वहीं 322 में सिर्फ 150 डाक्टर कार्यरत हैं। पढ़ें पूरी खबर...

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Mon, 15 Nov 2021 09:12 AM (IST) Updated:Mon, 15 Nov 2021 09:12 AM (IST)
भागलपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था: डाक्टरों के स्वीकृत पद 322, आधे कार्यरत, नहीं हैं इएनटी, चर्म रोग और रेडियोलाजिष्ट
भागलपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था- 150 डाक्टर कार्यरत, 172 पद रिक्त।

जागरण संवाददाता, भागलपुर : भागलपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था पर नजर डालें तो जिले में डाक्टरों के स्वीकृत पद की तुलना में दर्जनों पर रिक्त हैं। स्वीकृत पद 322 हैं। इनमें केवल 150 डाक्टर कार्यरत हैं। एक डाक्टर इसी माह सेवानिवृत भी होने वाले हैं। जिले के किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में वर्षों से इएनटी, रेडियोलाजिष्ट और चर्म रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। सदर अस्पताल में केवल दो शिशु रोग विशेषज्ञ को छोड़कर अन्य किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में शिशु के डाक्टर नहीं हैं। यहीं वजह है कि सदर अस्पताल, जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के अलावा क्लीनिकों में बीमार बच्चों के इलाज करवाने के लिए स्वजनों की भीड़ लगी रहती है।

105 डाक्टरों को नियुक्त किया गया, योगदान 84 ने दिया

कोरोना काल में डाक्टरों की कमी से मरीज और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी परेशान रहे। कोरोना की दूसरी लहर में कमी आने पर यानि अगस्त में राज्य सरकार ने भागलपुर जिले के लिए 105 डाक्टरों को नियुक्त किया। सितंबर में 84 डाक्टरों ने सिविल सर्जन कार्यालय में योगदान दिया। इनमें सात डाक्टर योगदान देने के बाद अभी तक अनुपस्थित हैं। इसकी लिखित जानकारी आठ नवंबर को सरकार को दे दी गई है। इसके अलावा 15 डाक्टरों को तीन वर्ष के टेन्योर के लिए अन्य मेडिकल कालेज अस्पताल में पदस्थापित किया गया। यानि 105 डाक्टरों में 21 डाक्टर योगदान नहीं किया। योगदन किए 84 डाक्टरों में केवल 62 ही कार्यरत हैं।

- डाक्टरों के 172 पद रिक्त - 15 डाक्टर टेन्योर में मेडिकल कालेज पदस्थापित - सात डाक्टर योगदान देने के बाद अनुपस्थित

चर्म रोग, इएनटी और रेडियोलाजिष्ट के पद रिक्त

सदर अस्पताल से लेकर जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में इएनटी, चर्म रोग और रेडियोलाजिष्ट के पद रिक्त हैं। सदर अस्पताल में दो शिशु रोग विशेषज्ञ के अलावा अन्य किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। यही वजह है कि शहर के अलावा प्रखंडों के मरीज मेडिकल कालेज अस्पताल में या क्लीनिकों में इलाज करवाते हैं। अस्पताल के इएनटी, चर्म रोग और शिशु विभाग में प्रतिदिन तीन सौ से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जाता है। जबकि क्लीनिकों में इन मरीजों की संख्या कई गुणा ज्यादा है।

'पहले की तुलना में जिले में डाक्टरों की संख्या बढ़ी है। लेकिन अभी विशेषज्ञ डाक्टरों की आवश्यकता है। इसकी मांग भी सरकार से की गई है।'- डा. उमेश शर्मा, सिविल सर्जन

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