जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चें के बीच कम से कम 3 वर्षो का हो अंतर, परिवार नियोजन के लिए पूर्णिया में एएनएम को मिला प्रशिक्षण, जानिए...

अब परिवार नियोजन के लिए एएनएम लोगों को जागरूक करेंगी। इसके लिए इन्हें 12 दिनों का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें पूर्णिया प्रमंडल के लगभग सभी आयुष चिकित्सकों व 62 महिला व पुरुष चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 12:28 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 12:28 PM (IST)
जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चें के बीच कम से कम 3 वर्षो का हो अंतर, परिवार नियोजन के लिए पूर्णिया में एएनएम को मिला प्रशिक्षण, जानिए...
अब परिवार नियोजन के लिए एएनएम लोगों को जागरूक करेंगी।

 जागरण संवाददाता, पूर्णिया। बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रसव उपरांत इंट्रायूटेराइनडिवाइस (पीपीआईयूसीडी) कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2012 -13 में की गयी थी। इसी कार्यक्रम को बेहतर करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार, पटना द्वारा पूॢणया प्रमंडल के किशनगंज, कटिहार, अररिया व पूॢणया के चिकित्सकों, आयुष चिकित्सकों, नर्स व एएनएम को पहले से प्रबंधकीय व प्रशासनिक स्तर पर मजबूत करने के उद्देश्य से प्रशिक्षण के लिए क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई पूॢणया प्रमंडल को जिम्मेदारी दी गई है।

क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया की पूॢणया प्रमंडल के लगभग सभी आयुष चिकित्सकों व 62 महिला व पुरुष चिकित्सा पदाधिकारियों को उपरोक्त कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित किया गया है। जबकि अररिया, किशनगंज, कटिहार व पूॢणया जिले के लगभग 400 से ज्यादा नर्स व एएनएम को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 20-21 में बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति पटना के द्वारा 4 बैच में लगभग 48 वैसे जीएनएम व एएनएम को प्रशिक्षित करना है, जो प्रसव कक्ष में पहले से पदस्थापित हैं।

उनको पीपीआईयूसीडी कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी पूॢणया प्रमंडल के कार्यक्रम प्रबंधन इकाई को दी गई है। मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतर्गत कुल 4 बैच के अनुरूप दो बैच का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जबकि तीसरे का समापन आज किया गया हैं। शेष बचे एक बैच का शुभारंभ बहुत ही जल्द शुरू किया जाएगा।

प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आरपीएम नजमूल होदा ने कहा कि कोरोना काल के दौरान संस्थागत प्रसव में आशा के अनुरूप बढ़ोत्तरी हुई है 7 जिस कारण प्रसव या गर्भपात के बाद आईयूसीडी संस्थान पर सरकार द्वारा बल दिया जा रहा है । इसीलिए प्रशिक्षित नर्सो की संख्या में इजाफा करना बहुत ही आवश्यक है । क्योंकि दो बच्चों के बीच कम से कम 3 साल का अंतर होना चाहिए। इस कार्यक्रम के तहत चार बैच में प्रशिक्षण दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें अभी तक तीन बैच का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है ।  

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