'नए जुड़े तो सही पर पुराने का नहीं मिला मन' Bhagalpur News

फूल वाली पार्टी के नगर संगठन को जिन इकाइयों में मनोनयन करने का अधिकार नहीं था उनके द्वारा कर दिया गया। जिला स्तर पर सुप्रीमो ने इसका विरोध किया।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 08 Jul 2019 01:37 PM (IST) Updated:Mon, 08 Jul 2019 01:37 PM (IST)
'नए जुड़े तो सही पर पुराने का नहीं मिला मन' Bhagalpur News
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भागलपुर [राम प्रकाश गुप्ता]। शहर में फूल वाली पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है। यहां यह दल दो समूहों में बंटा हुआ है। नगर संगठन पर नियम कानून के इतर काम करने का आरोप लगा। नगर संगठन को जिन इकाइयों में मनोनयन करने का अधिकार नहीं था, उनके द्वारा कर दिया गया। जिला स्तर पर सुप्रीमो ने इसका विरोध किया। तब जाकर मामला शांत हुआ। पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता बताते हैं कि यहां भी अभियान का शुभारंभ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धूमधाम से किया था। सदस्यता अभियान के कार्यक्रम की प्रतिदिन समीक्षा हो रही है। अभियान तो नए को जोडऩे का चल रहा है लेकिन पुराने सदस्यों के मन नहीं मिला है। वैसे, दो समूह आज की परिपाटी नहीं है। भले ही उपर दो हिस्सों में लोग न दिखे पर हकीकत से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

कांवर यात्रियों की श्रद्धा को कम नहीं होने देगा प्रशासन

और अंत में आ गया सावन का महीना। फिर एक माह तक सुनाई देगा बोल बम का जयघोष। इस जयघोष के साथ श्रद्धालुओं की भक्ति भाव बनी रहे और उनके मन में श्रद्धा कम नहीं हो, यह बनाए रखने की जिम्मेदारी फिर एक बार सरकार और स्थानीय प्रशासन के कंधे पर आ गया है। प्रशासनिक स्तर पर हरेक अधिकारी बेहतर सेवा देने की मंशा से काम में जुट गए हैं। आलाधिकारियों की अंतरराज्यीय समन्वय बैठक भी होने वाली है। बैठक में कांवर यात्रा को सुगम बनाने की योजना भी बनेगी। इसे धरातल पर उतारने की नीति भी तैयार होगी। लेकिन योजना और नीति कितना कारगर होगा, यह आने वाला एक माह बताएगा।

कांवर यात्रा का विधिवत शुभारंभ अगले सप्ताह से होना है। इस एक सप्ताह में सरकार और प्रशासन को वह सब काम कर देना है जिसकी अपेक्षा कांवर लेकर चलने वाले यात्रियों को रहती है। कांवर यात्रा का यह समागम राजकीय मेले का दर्जा पा चुका है। लेकिन व्यवस्था से अभी भी न तो कांवर लेकर चलने वाले संतुष्ट रहते हैं न ही यहां आने वाले श्रद्धालु खुश होते हैं। अभी पड़ोसी जिले में प्रभारी मंत्री ने व्यवस्था को देखा है। तैयारी मनमाफिक नहीं होने पर नाराजगी भी जताई। पैदल पथ में बालू बिछाने की रफ्तार धीमी देखकर डांट भी पिलाई।

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