भागलपुर में बाढ़ से बिगड़े हालात, राहत नदारद

गंगा के जलस्तर में लगातार तीन दिनों तक हुई बढ़ोतरी के कारण बाढ़ ने विनाशकारी रूप धारण कर लिया है। जिले में गंगा खतरे के निशान से 48 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है और इसके पानी ने कई नए इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 01:41 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 01:41 PM (IST)
भागलपुर में बाढ़ से बिगड़े हालात, राहत नदारद
भागलपुर में बाढ़ से बिगड़े हालात, राहत नदारद

भागलपुर। गंगा के जलस्तर में लगातार तीन दिनों तक हुई बढ़ोतरी के कारण बाढ़ ने विनाशकारी रूप धारण कर लिया है। जिले में गंगा खतरे के निशान से 48 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है और इसके पानी ने कई नए इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है। बुधवार तड़के नवगछिया में कलबलिया धार के पास 14 नंबर सड़क 50 मीटर तक गंगा में समा गई। अचानक से हुए इस हादसे में ऑटो और बोलेरो पानी के साथ बह गईं। ऑटो पर आठ कांवरिये सवार थे, जिन्होंने भागकर अपनी जान बचाई। बोलेरो सवार पांच-सात लोगों का पता नहीं चल सका है।

नवगछिया, कहलगांव, नाथनगर और सबौर के नीचले इलाकों में बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। प्रशासन के स्तर से बाढ़ प्रभावित लोगों तक समुचित सहायता नहीं पहुंच सकी है। सबौर में राहत नहीं मिलने से आक्रोशित बाढ़ पीड़ितों ने बुधवार को एनएच 80 जाम कर प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए।

पानी फैलने से बीमार हो रहे लोग

सबौर के कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सप्ताह भर से घर के चारों तरफ पानी फैलने से लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। कीड़े-मकोड़े, सांप आदि का डर बना रहता है। एनएच-80 पर बढ़ रहा दबाव

घोषपुर के पास एनएच-80 के नीचे से सौ फिट की लंबाई में दो से ढाई फिट तक तक पानी का बहाव हो रहा है। एनएच के अंदर मिट्टी हट गई है और खोखला हो गया है। यहां एनएच पर दबाव बढ़ रहा है और यह कभी भी धंस सकता है।

नए स्थानों में घुसा पानी

नये स्थानों पर पानी के फैलने से बाढ़ की स्थिति और भयावह हो गई है। सबौर स्थित इंजीनिय¨रग कॉलेज में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। इस इलाके में बैजनाथपुर-सालपुर मार्ग पर पांच फीट पानी बह रहा है। इसके चलते सालपुर, सिमरो, घिया, प्रशस्तडीह, रायपुरा, मुक्तापुर, कलिकापुर एवं जमीन आदि गांव का बैजनाथपुर-लैलख मार्ग से संपर्क भंग हो चुका है। यह मांग इन गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ता है। वहीं इंजीनिय¨रग कॉलेज से आर्यटोला जाने वाले मार्ग पर भी करीब ढ़ाई फीट पानी बह रहा है। आर्यटोला एवं फतेहपुर पर भी बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। नाथनगर के बिंदटोली में भी हालात भयावह हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों ने तिलकामांझी विश्वविद्यालय परिसर स्थित टिल्हा कोठी में शरण लिया है। जलस्तर स्थिर होने की उम्मीद

केंद्रीय जल आयोग बेतार केंद्र हनुमान घाट के स्थल प्रभारी कृत्यानंद सिंह ने बताया कि बुधवार को रात आठ बजे तक गंगा डेंजर लेबल से चार सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। पूर्वानुमान में जलस्तर में धीमी गति से वृद्धि का संकेत दिया गया है। उन्होंने बताया कि मुंगेर एवं सुल्तानगंज में गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया है। गुरुवार की शाम भागलपुर में भी जलस्तर स्थिर हो जाने की उम्मीद है।

कहलगांव में बटेश्वर स्थान के आगे कोसी की धारा मिलने से गंगा के पानी की निकासी कम हो रही है, जिसके कारण भागलपुर में जलस्तर बढ़ रहा है।

रमेश कुमार, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण, भागलपुर।

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